बच्चों को शिक्षा दिलाना अनिवार्य – प्रियंक कानूनगो
अभिभावक आगे आये, जिम्मेदारी समझे और बच्चों को पढ़ाये
रतलाम 16 दिसम्बर(इ खबरटुडे)। रतलाम के कलेक्टोरेट सभाकक्ष में विगत दिवस बच्चों के लिये निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम, स्कूल प्रबंध समिति की भूमिका की वर्तमान स्थिति, नवीन किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) आदि पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला में शाला प्रबंधन समिति में सामुदायिक भागीदारी को नयी पहल के रूप में प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि भारत के संविधान में 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों की शिक्षा को मौलिक अधिकार के अंतर्गत रखा गया। इस अधिकार के क्रियान्वयन के लिये निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 बनाया गया है। बच्चों की शिक्षा मौलिक अधिकार के अंतर्गत प्रावधानित होने से यह अतिआवष्यक हो गया हैं कि शासकीय शालाओं में इसके क्रियान्वयन की सुनिष्चित व्यवस्था हो। इसकी माॅनीटरिंग ग्राम स्तरीय शाला प्रबंधन समिति द्वारा की जायेगी। शाला प्रबंधन समिति में बच्चों के पालक अभिभावकों में से अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
इसका सचिव संबंधित विद्यालय का प्राचार्य पदेन सचिव है। शाला प्रबंधन समिति, शाला संचालन, शाला विकास योजना, प्राप्त अनुदान की माॅनिटरिंग, शिक्षकों को समय पर उपस्थित होने, बच्चों के उपस्थित होने के साथ उनकी शैक्षणिक स्थिति पर चर्चा, कोई शिक्षक प्राईवेट ट्युशन न करें, शाला में पानी, शौचालय, खेल मैदान आदि की उपलब्धता के साथ मध्यान्ह भोजन के क्रियान्वयन की माॅनीटरिंग की देखरेख संबंधी माॅनीटरिंग करती है। ग्राम स्तर पर समिति की नियमित बैठके आयोजित कर इसमें यथासम्भव शिक्षित सदस्यों को मनोनित करने पर बल दिया जा रहा है। आगामी समय में इन समितियों को सशख्त बनाकर जवाबदेह बनाया जा रहा है। आरटीई की जानकारी देते हुए बताया गया कि यह कानून वर्ष 2009 में बना और वर्ष 2010-11 में लागू हुआ। इस अधिनियम में शिक्षा से कोई बच्चा वंचित न रहे इसके लिये आवश्यक प्रावधान किये गये है।
कार्यशाला में राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो, राज्य बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डाॅ. राघवेन्द्र शर्मा (केबिनेट मंत्री दर्जा), महापौर डाॅ. सुनिता यार्दे, अध्यक्ष जिला पंचायत प्रमेश मईड़ा एवं उपाध्यक्ष डी.पी.धाकड़, एडीएम डाॅ. कैलाश बुन्देला, जिला शिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रविन्द्र कुमार मिश्रा, जिला परियोजना समन्वयक जन शिक्षा केन्द्र सक्सेना, स्कूलों के शिक्षक एवं प्राचार्य आदि उपस्थित रहे।