November 15, 2024

पत्नी बूढ़े मां-बाप से अलग करने की कोशिश करे तो पति दे सकता है तलाक

नई दिल्ली,07 अक्टूबर(इ खबरटुडे)।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर कोई महिला अपने पति को उसके बूढ़े मां-बाप के साथ न रहने दे और उन्हें आश्रय देने से इनकार कर दे तो पति इसे क्रूरता मानते हुए उसे तलाक दे सकता है। हिंदू लॉ के मुताबिक कोई भी महिला किसी भी बेटे को उसके मां-बाप के प्रति पवित्र दायित्वों के निर्वहन से मना नहीं कर सकती।

यह पश्चिमी सोच, हमारी सभ्यता संस्कृति व मूल्यों के खिलाफजस्टिस अनिल आर. दवे और जस्टिस एल. नागेश्वर राव की खंडपीठ ने कहा कि एक महिला शादी के बाद पति के परिवार की सदस्य बन जाती है। वह इस आधार पर उस परिवार से अपने पति को अलग नहीं कर सकती है कि वह अपने पति की आय का पूरा उपभोग नहीं कर पा रही है। कोर्ट ने टिप्पणी की कि माता-पिता से अलग रहने की पश्चिमी सोच हमारी सभ्यता-संस्कृति और मूल्यों के खिलाफ है। यह है मामला कर्नाटक के दंपती की शादी 1992 में हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद से ही महिला पति पर अकेले रहने का दबाव बना रही थी।

उसकी क्रूर हरकतों की वजह से पति ने निचली अदालत में तलाक की अर्जी दी थी। महिला ने आरोप लगाया था कि उसके पति के नौकरानी के साथ अवैध संबंध हैं, इसलिए वह उसे तलाक दे रहे हैं, लेकिन कोर्ट ने इसे झूठा पाया। निचली अदालत ने तलाक को मंजूर कर लिया। बाद में हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला रद्द करते हुए कहा था कि एक पत्नी का यह उम्मीद करना उचित है कि उसके पति की आय सिर्फ उस पर खर्च हो। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो उसने तलाक को मंजूरी देते हुए यह व्यवस्था दी।

हिंदू परिवारों में यह न सामान्य बात, न प्रचलन में
जस्टिसस दवे ने फैसले में लिखा है कि भारत में हिंदू परिवारों में न तो यह सामान्य बात है और न ही प्रचलन में है कि कोई भी बेटा अपनी पत्नी के कहने पर शादी के बाद बूढ़े मां-बाप को छोड़ दे। खासकर तब, जब बेटा ही परिवार में एकमात्र कमाऊ सदस्य हो। एक बेटे को उसके मां-बाप ने न केवल जन्म दिया बल्कि पाल-पोसकर उसे बड़ा किया, पढ़ाया, लिखाया। अब उसकी नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी बनती है कि वह बूढ़े मां-बाप की देखभाल करे। खासकर तब, जब उनकी आय या तो बंद हो गई है या कम हो गई है।

पत्नी से अपेक्षा की जाती है कि वह पति के परिवार के साथ रहे
जस्टिस दवे ने कहा कि आमतौर पर लोग पश्चिमी विचारधारा को नहीं अपनाते हैं, जहां बेटा शादी होने के बाद अपने मां-बाप से अलग हो जाता है। सामान्य स्थितियों में, पत्नी से अपेक्षा की जाती है कि वह शादी के बाद अपने पति के परिवार के साथ रहे। वह अपने पति के परिवार का हिस्सा बन जाती है और सामान्यतः बिना किसी तर्कसंगत सशक्त कारण के वह अपने पति पर दबाव नहीं डाल सकती कि वह परिवार से अलग हो जाए और सिर्फ उसके साथ रहे।

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