पंजीयन नहीं होने पर ज्ञान सोनो सेन्टर संचालक डा.चारुल सिंह को तीन वर्ष की सजा,डाक्टर की मान्यता भी रद्द
रतलाम,27 नवंबर(इ खबरटुडे)।सोनोग्राफी मशीन का पंजीकरण नहीं होने तथा सोनोग्राफी से सम्बन्धित नियमों के उल्लंघन के एक मामले में न्यायालय ने ज्ञान सोनो सेन्टर,समर्पण हॉस्पिटल के संचालक एवं विवादित चिकित्सक दम्पत्ति डॉ.मंजूसिंह व डॉ.पुष्पराज सिंह के पुत्र डॉ.चारुल सिंह निवासी अजंता टॉकीज रोड को पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के तहत पांच धाराओं में तीन-तीन वर्ष के के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। डॉ. सिंह पर पांचो धाराओं में क्रमशः दो-दो हजार रुपए (कु ल 12 हजार) रुपए का जुर्माना भी किया गया। इसके साथ ही डॉ.चारुल सिंह का नाम अगले पांच वर्षों तक मेडीकल काउंसिल के पंजीयन रजिस्टर से हटाने का आदेश भी दिया गया है। उक्त आदेश सोमवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट पल्लवी ने पारित किया। सोनोग्राफी नियमों के उल्लंघन का यह पूरे प्रदेश का दूसरा मामला है। पहला निर्णय भी रतलाम में ही डॉ.रमेश मित्तल के विरुध्द सुनाया गया था।
उप संचालक अभियोजन एसके जैन ने बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट के जिले के समुचित प्राधिकारी व तत्कालीन कलेक्टर डॉ. संजय गोयल ने जिले के सोनोग्राफी सेंटरों की जांच के लिए नौ सदस्यीय दल गठित कि या था। भोपाल से आए पीसीपीएनडीटी एक्ट (गर्भाधान पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम) की राज्य स्तरीय कमेटी के सदस्य डॉ. तपन मोहंती भी दल में शामिल थे। दल ने 1 मई 2014 को ज्ञान सोनो सेंटर का निरीक्षण कर जांच की थी। डॉ. सिंह ने जांच दल को मांगने पर अधिनियम व नियमानुसार संधारित कि ए जाने वाले फार्म, रजिस्टर व अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराए थे। दल ने उन्हें मौके पर परीक्षण कर सीलबंद कर पंचनामा बनाया था। मौके पर चैक लिस्ट व आर्ब्जवेशन शीट बनाई गई थी। जांच दल को सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टरों का विवरण एवं उनका रजिस्ट्रेशन उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच के दौरान सेंटर पर सोनोग्राफी मशीन का रजिस्ट्रेशन होना भी नहीं पाया गया था। दल ने प्राधिकारी व कलेक्टर डॉ. गोयल को रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद डॉ. गोयल ने न्यायालय में परिवाद पेश कि या था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने डॉ. सिंह को धारा 19(4)/23, 29/23, 9/23, 17/23, 13/23 एवं 10 (1 ए)/23 में दंडित कि या। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी डीपीओ अनिल बादल व एडीपीओ जस्सू वास्केल ने की।
एमसीआई पंजीयन रजिस्टर से नाम हटाने के आदेश
उप संचालक अभियोजन जैन ने बताया कि न्यायालय ने अपने निर्णय में पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट की धारा 23 (2) के तहत अभियुक्त डॉ. चारुलसिंह का नाम मेडिकल काउंसिल के पंजीयन रजिस्टर से पांच साल के लिए हटाने का आदेश भी पारित कि या गया। सभी सजा साथ चलेगी। उल्लेखनीय है कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट में सम्पूर्ण विचारण के उपरांत अधिकतम 3 वर्ष की सजा वाला यह प्रदेश का दूसरा मामला है। इसके पहले सोनोग्राफी सेंटर के नियम उल्लंघन मामले में 13 अक्टूबर 2018 को अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक डॉ. रमेश मित्तल को भी नियमों का उल्लंघन करने के मामले में में तीन-तीन वर्ष के कारावास की सजा व दो-दो हजार रुपए का जुर्माना से दंडित कि या गया था।