November 17, 2024

न्यायाधीश ने दिया ज्योति होटल के पक्ष में निर्णय,प्रकरण के निराकरण तक रहेगा स्थगन,कलेक्टर की भूमिका पर भी उठाए सवाल

रतलाम,6 अप्रैल (इ खबरटुडे)। जिला न्यायालय के पंचम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग दो एमएस सोलंकी ने बहुचर्चित ज्योति होटल के मामले में स्थगनादेश को जारी रखने का आदेश दिया है। न्यायाधीश ने अपने निर्णय में जिला प्रशासन और कलेक्टर पर भी प्रतिकूल टिप्पणी की है। जबकि दूसरी ओर ज्योति होटल की लीज समाप्त करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का जिक्र तक नहीं किया है।
ज्योति होटल संचालक ने नगर निगम द्वारा दिए गए कब्जा खाली करने के नोटिस को आधार बनाकर व्यवहार न्यायाधीश एमएस सोलंकी के न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। न्यायाधीश श्री सोंलकी ने ज्योति होटल संचालक के पक्ष में एक तरफा स्थगनादेश दे दिया था। इस स्थगनादेश के खिलाफ नगर निगम द्वारा प्रस्तुत तमाम तर्कों और तथ्यों को नकारते हुए न्यायाधीश श्री सोलंकी ने आज न्यायालयीन समय के काफी देर बाद तक अपना निर्णय पारित किया।

जिला प्रशासन और कलेक्टर पर प्रतिकूल टिप्पणी

न्यायाधीश श्री सोलंकी ने अपने निर्णय में जिला प्रशासन और कलेक्टर के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा है कि नगर निगम में जिला प्रशासन द्वारा अनावश्यक अनाधिकृत हस्तक्षेप किया जा रहा है,जबकि नगर पालिक निगम अधिनियम में जिला प्रशासन अथवा कलेक्टर को कोई शक्तियां उपरोक्तानुसार प्राप्त नहीं है।
न्यायाधीश श्री सोलंकी ने प्रतिवादी नगर निगम की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए अपने निर्णय में कहा है कि नगर निगम द्वारा लोक परिसर बेदखली अधिनियम के तहत मामला दायर करना,मामले के प्रचलन में रहते हुए कब्जा खाली करने का नोटिस जारी करना और वादी द्वारा न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने के बाद अचानक एसडीएम द्वारा लोक परिसर बेखली अधिनियम का प्रकरण समाप्त कर देना,ये सब नगर निगम की भूमिका को संदिग्ध बनाते हैं।

उच्च न्यायालय के निर्णय का जिक्र तक नहीं

न्यायाधीश एमएस सोलंकी ने जिला प्रशासन और कलेक्टर की भूमिका पर सवाल खडे किए। उन पर अनावश्यक हस्तक्षेप करने का आरोप भी लगाया। यहां तक कि प्रकरण की प्रचलनशीलता पर भी विचार करने से साफ इंकार कर दिया। इतना सब कुछ किया,लेकिन नगर निगम की ओर से रेकार्ड पर प्रस्तुत उच्च न्यायालय इन्दौर के निर्णय का जिक्र तक नहीं किया।

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