नीतीश खेमे के विरोध पर EC ने कहा- नहीं रोक सकते मोदी के ‘मन की बात’
नई दिल्ली 16सितम्बर (इ खबरटुडे)।. बिहार इलेक्शन के पहले एनडीए और महागठबंधन के बीच एक-दूसरे पर हमले तेज होते जा रहे हैं। कांग्रेस, जेडीयू और आरजेडी ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम पर रोक लगाने की मांग चुनाव आयोग (EC) से की है। इसे लेकर विरोधी पार्टियों के नेता केसी मित्तल, आरएस सुरजेवाला, केसी त्यागी, पवन वर्मा और मनोज झा बुधवार दोपहर आयोग के अफसरों से मिले। इन नेताओं का आरोप है कि मोदी ‘मन की बात’ के जरिए राजनीति की बात करते हैं। बिहार में आचार संहिता लागू होने से आयोग को इस प्रोग्राम पर रोक लगानी चाहिए। मोदी संभवत: अगले रविवार को देश की जनता से ‘मन की बात’ कर सकते हैं। लेकिन आयोग ने कहा है कि जब तक मोदी के ‘मन की बात’ से चुनाव के मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (आचार संहिता) का उल्लंघन नहीं होता है, तब तक इस पर बैन नहीं लगाया जा सकता।
‘मन की बात’ पर रोक नहीं: चुनाव आयोग
चुनाव आयोग के एक सीनियर अफसर ने कहा है कि जब तक पीएम मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम में बिहार इलेक्शन से जुड़ा कोई एलान या मुद्दा सामने नहीं आता है, रोक लगाने का कोई मतलब नहीं है। अगर आचार संहिता के उल्लंघन की कोई शिकायत आती है तो इसकी रिकॉर्डिंग और फैक्ट के आधार पर ही कोई एक्शन लिया जा सकता है।
कांग्रेस का वश चले तो लगा दे ताला: बीजेपी
पीएम के ‘मन की बात’ प्रोग्राम पर रोक का मुद्दा उठने के बाद बीजेपी ने भी जवाबी हमला बोला है। पार्टी के स्पोक्सपर्सन शाहनवाज हुसैन ने कहा, ”कांग्रेस का वश चले तो वह पीएम मोदी के मुंह पर ताला ही लगा दे।” वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ”कुछ लोगों को तो प्रधानमंत्री की हर बात (मन की बात) से दिक्कत होती है।”
पहले भी हुई ‘मन की बात’ पर रोक की मांग
गौरतलब है कि पहले भी हरियाणा और दिल्ली इलेक्शन के दौरान कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसे आयोग ने खारिज कर दिया था। कांग्रेस ने कहा था कि मोदी ‘मन की बात’ के जरिए वोटरों को गुमराह कर सकते थे, लेकिन आयोग को इस दौरान ‘मन की बात’ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।