निर्माण कार्यों के भौतिक सत्यापन की प्रभावी कार्यवाही की जाये
गड़बड़ी करने वाले दण्डित हों
सांसद ने ग्रामीण विकास कार्यों की समीक्षा में दिये निर्देश
उज्जैन 26 जून(इ खबरटुडे)। जिले में ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में पूर्ण पारदर्शिता से कार्य किये जायें। पूर्ण कार्यों का भौतिक सत्यापन की प्रभावी व्यवस्था की जाना चाहिये। निर्माण कार्यों में गड़बड़ी करने वालों की जांच की जाकर उन्हें दण्डित किया जाये। उक्त निर्देश सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय ने बृहस्पति भवन सभाकक्ष में आयोजित ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक में दिये। जिला पंचायत अध्यक्ष महेश परमार, विधायक महिदपुर बहादुरसिंह चौहान, कलेक्टर कवीन्द्र कियावत, सीईओ जिला पंचायत रूचिका चौहान, जिला पंचायत के सदस्यगण, सम्बन्धित अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
लक्ष्य अनुसार शौचालयों का निर्माण शीघ्र पूर्ण किया जाये
सांसद डॉ.मालवीय ने बैठक में निर्देश दिये कि शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। ग्रामीण क्षेत्रों में खासतौर पर निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शौचालयों का निर्माण शीघ्र समय-सीमा में पूर्ण कर लिया जाये। कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने बताया कि इसके लिये जिले में अभियान शुरू किया जाकर क्लस्टरवार जिला पंचायत सीईओ द्वारा समीक्षा की जायेगी। शासन के निर्देश अनुसार सरपंच और सचिवों की परिवर्तित भूमिका को समझाया जा रहा है। शासन द्वारा शौचालय के लिये 12 हजार रूपये निर्माण राशि दी जा रही है, जो उसके खाते में सीधे जाती है। सांसद ने कहा कि इस सम्बन्ध में की जाने वाली कागजी प्रक्रिया कम से कम की जाये, ताकि हितग्राहियों को स्वयं के शौचालय बनवाने में दृष्टिगत परेशानियां नहीं आये।
शासकीय राशि का दुरूपयोग करने वाले दण्डित हों
बैठक में सांसद ने निर्देश दिये कि जनपद पंचायतों को 50-50 लाख रूपये की राशि निर्माण कार्यों की तात्कालिक व्यवस्था के रूप में दी गई थी। उसमें गड़बड़ी की गई है। इसकी जांच की जाकर दोषियों को दण्डित किया जाये। इसके लिये जांच समिति गठित की जाये। वर्ष 2009-10 में जनपद घट्टिया में उक्त राशि से किये गये हितग्राहीमूलक कार्यों की डीपीआर अगली बैठक में प्रस्तुत की जाये। बताया गया कि जनपदों को 50-50 लाख रूपये की राशि इस कार्य के लिये दी गई थी कि विभिन्न हितग्राहीमूलक कार्यों की मूल राशि जब तक शासन से आवंटित नहीं होती है, उस स्थिति में इस 50 लाख रूपये की राशि को विभिन्न कार्यों की पूर्णता में इस्तेमाल किया जा सकता है। सांसद ने कहा कि उक्त राशि से किये गये निर्माण कार्यों की जानकारी में अपूर्णता है। कई कार्यों के आगे उनके स्थान का नाम नहीं लिखा गया है, जिससे कोई जनप्रतिनिधि जाकर इन कार्यों को देख नहीं पाता है। सीईओ जिला पंचायत ने बताया कि इन कार्यों की तकनीकी पूर्णता होने पर कार्य पूर्णता परिलक्षित होने लगेगी। अब प्रभावी व्यवस्था के तहत यह तय किया गया है कि कोई भी कार्य शुरू किये जाने की स्थिति के बाद कार्य की मध्य एवं पूर्णता की स्थिति के छायाचित्र मंगाये जायेंगे। जब भी कार्य शुरू किया जायेगा, तब गांव के जनप्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने बताया कि शासकीय कार्यों में गड़बड़ी करने वाले कई पंचायत सचिवों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। कई सचिवों के वेतन रोके जाकर विभागीय जांच कायम की गई है।
खाते राष्ट्रीयकृत बैंकों में शिफ्ट करने के प्रयास
बैठक में बताया गया कि हितग्राहीमूलक योजनाओं और पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों के सम्पूर्ण खाते राष्ट्रीयकृत बैंकों में शिफ्ट करने के प्रयास पोस्ट आफिस के स्थान पर किये जा रहे हैं, ताकि किसी प्रकार की राशि में गड़बड़ी नहीं हो। सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय ने कहा कि कई ग्रामों में आबादी से अधिक संख्या में मनरेगा के जॉब कार्ड बना दिये गये हैं। इसका भौतिक सत्यापन करवाया जाये। कलेक्टर श्री कियावत ने बताया कि अक्रियाशील लोगों के जॉब कार्ड निष्क्रिय कर दिये गये हैं। यदि वे लोग चाहें तो उनके जॉब कार्ड पुन: एक्टिवेट कर दिये जायेंगे।
डेयरी विकास पर सर्वाधिक जोर
कलेक्टर कवीन्द्र कियावत ने बैठक में बताया कि जिले में दुग्ध उत्पादन और डेयरी विकास के जरिये ग्रामीण व्यक्तियों के आर्थिक उत्थान पर सर्वाधिक जोर दिया जा रहा है। योजनाओं का मुंह डेयरी विकास की ओर मोड़ दिया गया है। आगामी जुलाई से आंगनवाड़ियों और प्राथमिक शालाओं के बच्चों को सुगंधित मीठा दूध प्रदाय किया जायेगा। इस दृष्टि से भी डेयरी विकास पर बहुत जोर दिया जा रहा है। कलेक्टर ने सांसद से अनुरोध किया कि नाबार्ड की अनुदान योजना जिले में डेयरी विकास में अत्यन्त मददगार सिद्ध होगी। इसलिये सांसद इस सम्बन्ध में उच्च स्तर पर चर्चा करके नाबार्ड की योजना का लाभ ग्रामीण डेयरी हितग्राहियों को दिलवाने की पहल करें। नाबार्ड द्वारा अ.जा., अ.ज.जा. हितग्राहियों को 33 प्रतिशत तथा सामान्य हितग्राहियों को 25 प्रतिशत राशि अनुदान के रूप में दी जाती है। इस योजना में बैंक द्वारा फायनेंस किया जाता है और अनुदान नाबार्ड देता है।
एनआरएलएम का लक्ष्य पूर्ण करने वालों में उज्जैन जिला भी सम्मिलित
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की समीक्षा में कलेक्टर श्री कियावत ने बताया कि उज्जैन जिला प्रदेश के उन चुनिन्दा जिलों में सम्मिलित है, जिन्होंने इस मिशन के तहत आवंटित लक्ष्य को हासिल किया है। इस वर्ष जिले में 600 नवीन स्वयं-सहायता समूह मिशन के तहत गठित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी 325 समूह मिशन में गठित हैं।
प्रतिक्षा सूची गांव में पेन्ट करवाई जाये
सांसद डॉ.चिन्तामणि मालवीय ने इंदिरा आवास योजना की समीक्षा में निर्देश दिये कि इंदिरा आवास योजना में यह प्रभावी व्यवस्था की जाये कि अपात्र व्यक्ति योजना का लाभ नहीं ले। वरियता सूची में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो। उन्होंने निर्देश दिये कि इस योजना की प्रतिक्षा सूची में सम्मिलित व्यक्तियों के नाम पेन्टर के द्वारा गांव में किसी सार्वजनिक स्थान पर पेन्ट करवाये जायें, ताकि किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं की जा सके। बैठक में सम्पन्न व्यक्तियों के नाम बीपीएल सूची में शामिल होने का मुद्दा सामने आया। सांसद ने सख्ती से निर्देशित किया कि बीपीएल सूचियों का भौतिक सत्यापन कर सम्पन्न व्यक्तियों के नाम तत्काल हटवाये जायें।
मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी रोकने के लिये क्वालिटी मॉनीटर की संख्या बढ़ायें
शालाओं में बच्चों को मध्याह्न भोजन कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सांसद ने निर्देश दिये कि मध्याह्न भोजन में गड़बड़ी रोकने के लिये नियुक्त क्वालिटी मॉनीटर की संख्या में वृद्धि की जाकर और नियुक्तियां करवाई जायें। शालाओं में बच्चों की निर्धारित संख्या के अनुसार ही प्रतिदिन मध्याह्न भोजन राशि का भुगतान किया जाये। यह देखने में आता है कि बच्चे निर्धारित संख्या से किसी दिन कम आने पर भी रजिस्टर के आधार पर शत-प्रतिशत बच्चों के मान से भुगतान कर दिया जाता है। कलेक्टर ने बताया कि स्कूलों के शिक्षक-पालक संघ को यह देखने के लिये निर्देश जारी किये गये हैं कि मध्याह्न भोजन में गुणवत्ता हो। स्कूल के मध्याह्न भोजन से गांव के निराश्रित व्यक्तियों को भी भोजन उपलब्ध कराने का आदेश है।
इन बिन्दुओं पर भी हुई चर्चा
· विगत पाँच वर्षों में वाटरशेड द्वारा किये गये कार्य एवं खर्च की गई राशि,
· विकलांगता प्रमाण-पत्र के लिये विकास खण्डों में शिविर लगाये जायेंगे, सचिवों को चिन्हांकन करने के निर्देश
· ग्राम पंचायत भवन के लिये 56 भवनों को स्वीकृति, 49 पूर्ण किये जा चुके हैं,
· घोंसला में पशु बाजार को स्थानान्तरित करना,
· आरईएस विभाग के कार्यों में गुणवत्ता नहीं होने पर आगामी निर्माण कार्यों पर ध्यान देने के निर्देश,
· सड़क निर्माण की गुणवत्ता को लेकर जनप्रतिनिधियों ने सवाल उठाये,
· सड़क व पुल-पुलिया के निर्माण के दौरान जल निकास पर ध्यान नहीं देने से किसानों को समस्या,
· सोखता गड्ढे बनाने पर विस्तार से चर्चा,
· पंचक्रोशी मार्ग पर पेयजल की पर्याप्त सुविधाएं करना,
· नल जल योजनाओं की खामियों को दूर करने के लिये दो इंजीनियर व सरपंच की समिति का गठन,
· लाड़ली लक्ष्मी योजना में ऑन लाईन आवेदन करना,
· जिले के समस्त 2997 अतिकम वजन वाले बच्चों को शत-प्रतिशत गोद लिया गया,
· खेतों में लटकते तार को व्यवस्थित करना तथा गत दिनों लटकते तारों से पिता-पुत्र की मृत्यु होने पर सम्बन्धित लाईनमेन को सस्पेंड करने के निर्देश आदि।