नामली बस हादसे के बाद खदान पर चलाया गया सर्चिंग अभियान,पानी के अंदर किसी व्यक्ति के न होने की हुई पुष्टी
एनडीआरएफ और आई एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार सुबह सर्चिंग शुरु की थी
रतलाम\नामली,15 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। नामली के पास बारा पत्थर की खदान पर शुक्रवार को हुए बस हादसे के बाद चला सर्चिंग अभियान शनिवार दोपहर तक चला। भोपाल से आई एनडीआरएफ और इंदौर से आई एसडीआरएफ की टीम ने शनिवार सुबह सर्चिंग शुरु की। दोपहर तक सर्चिंग के बाद पानी के अंदर किसी व्यक्ति के न होने की पुष्टी होने पर करीब सवा बारह बजे सर्चिंग अभियान बंद कर दिया गया। इधर नामली पुलिस ने इस मामले में बस चालक और बस मालिक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। बता दे कि बस चालक की हादसे में मौत हो चुकी है।
अंधेरे के कारण आ रही दिक्कतों की वजह से रात में सर्चिंग रोक दी गई थी
नामली के पास हुए बस हादसे में 14 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 16 लोग घायल हुए थे। शनिवार दोपहर तक चले सर्चिंग अभियान में पानी से कोई और बस सवार नहीं मिला है। सर्चिंग के लिए इंदौर से 16 सदस्यी एसडीआरएफ की टीम नामली पहुंची थी, वहीं शुक्रवार रात 8 बजे भोपाल से 27 सदस्यी एनडीआरएफ की टीम भी घटना स्थल पर पहुंच गई थी। रात दस बजे तक सर्चिंग अभियान चलाया गया, जिसके बाद अंधेरे के कारण आ रही दिक्कतों की वजह से रात में सर्चिंग रोक दी गई थी। सूबह सात बजे सर्चिंग टीमें घटना स्थल पर पहुंच गई थी और फिर से सर्चिंग शुरु कर दी थी।
सर्चिंग अभियान के दौरान आक्सीजन सिलेण्डर खत्म होने पर आक्सीजन सिलेण्डर की व्यवस्था करने में कुछ समय लगा और उसके बाद पुन: सर्चिंग शुरू हुई। दोपहर सवा बारह बजे तक टीम सर्चिंग करती रही, लेकिन पानी में किसी और बस सवार के नहीं मिलने पर दोपहर सवा बारह बजे सर्चिंग अभियान को बंद कर दिया गया। इस दौरान सर्चिंग टीम के साथ एडीएम विनय कुमार धोका, , ग्रामीण एसडीएम नेहा भारती, एसडीओपी संजीव मूले, नामली थाना प्रभारी विजय विश्वकर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
पुलिस ने किया प्रकरण दर्ज
बस हादसे के मामले में नामली पुलिस ने बस चालक एवं बस मालिक के खिलाफ धारा 304, 323, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है। नामली पुलिस के अनुसार प्रांरभिक जांच में बस को जर्जर अवस्था में तेज गति से चलाने के कारण हादसा होना सामने आया है। पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है। इस मामले में आरटीओं विरेन्द्रसिंह यादव का कहना है कि बस फीट थी। उसका फीटनेस, रुट ,बीमा कम्पलीट था। 2 मार्च को फिटनेश सर्टिफिकेट भी जारी हुआ था। वहीं खदान के सबंध में खनीज उपसंचालक पवनकुमार शिल्पी का कहना है कि जहां हादसा हुआ, वह खदान 12 वर्ष पहले ही निरस्त की जा चुकी है।