नरेश उत्तम बने सपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, मुलायम ने किरणमय नंदा को भी निकाला
लखनऊ 01जनवरी (इ खबरटुडे)। समाजवादी पार्टी में चल रहा संग्राम रविवार को नए मोड़ पर पहुंच गया। जहां लखनऊ के जनेश्वर पार्क मैदान में सपा के सम्मेलन में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया वहीं शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर अखिलेश ने नरेश उत्तम को नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।
दिनभर चली उठापटक के बाद अखिलेश यादव के समर्थकों ने दोपहर 4 बजे पार्टी के दफ्तर पर धावा बोलकर उसे कब्जे में ले लिया। यहां अखिलेश ने नरेश उत्तम को भी बुलाया और पार्टी की प्रदेश में कमान उन्हें सौंपी। जहां एक तरफ पार्टी दफ्तर में उठापटक चल रही थी वहीं मुलायम सिंह ने किरणमय नंदा और नरेश अग्रवाल को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया।
एक बार फिर से रामगोपाल यादव का पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित
दोपहर में अधिवेशन होने के बाद मुलायम सिंह ने एक पत्र जारी किया है जिसमें रामगोपाल द्वारा बुलाए गए पार्टी के अधिवेशन को असंवैधानिक ठहराने के अलावा उन्होंने अधिवेशन में जो नियुक्तियां हुई हैं उन्हें भी अवैध करार दिया है। साथ ही उन्होंने एक बार फिर से रामगोपाल यादव का पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
रविवार सुबह हुए पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने मुलायम सिंह की जगह अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा जिसे सहमति मिल गई। वहीं मुलायम सिंह को मार्गदर्शक बना दिया गया। इसके अलावा शिवपाल यादव को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है और अमर सिंह यादव को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
इसके बाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि हमारे लिए नेताजी का स्थान सबसे ऊंचा और महत्वपूर्ण है। वो मेरे पिता हैं और इस रिश्ते को कोई खत्म नहीं कर सकता। अगर कोई नेताजी के खिलाफ साजिश करे तो उनका बेटा होने के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उसे सामने लेकर आऊं।
अखिलेश ने आगे कहा कि आने वाले चुनाव में हमारी सरकार फिर से बनने की सबसे ज्यादा खुशी नेताजी को ही होगी। इससे पहले रामगोपाल ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए तीन प्रस्ताव रखे। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव नेताजी का नाम लेकर गलत निर्णय ले रहे हैं। यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी सर्वसम्मति से अखिलेश यादव जी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनती है। साथ ही शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के अलावा अमर सिंह को पार्टी से निष्कासित करना चाहती है।
इस सम्मेलन में जहां अखिलेश अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे वहीं शिवपाल और मुलायम सिंह यादव ने दूरी बनाते हुए इसमें शामिल ना होने के लिए कार्यकर्ताओं को भी निर्देश जारी किए थे। जहां एक तरफ सम्मेलन चल रहा था वहीं मुलायम सिंह और शिवपाल के बीच बैठक जारी थी।
अमर ने कहा दे दो मेरा बलिदान
इससे पहले पार्टी में चले घटनाक्रम को लेकर अमर सिंह के बयान आए। अखिलेश और रामगोपाल को पार्टी से निकालने के 24 घंटों के भीतर ही पापस लेने के बाद अमर सिंह ने कहा कि वह पार्टी के लिए बलिदान देने के लिए तैयार हैं। अमर सिंह ने अखिलेश यादव और रामगोपाल के निष्कासन को वापस लेने के फैसले को सही बताया और कहा कि पार्टी एवं परिवार को तोड़ने की साजिश नाकाम हो गई।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह ने सही फैसला लिया है। मैं समाजवादी पार्टी को टूटने नहीं दूंगा। विरोधियों की साजिश नाकाम हो गई है। अमर सिंह ने कहा कि अगर कोई अब भी मेरी वजह से दुखी है तो मैं कहना चाहता हूं कि मैं एसपी परिवार और कार्यकर्ताओं को एकजुट रखने के लिए अपना बलिदान देने को तैयार हूं।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग मेरे नाम पर गंदे पोस्टर लगा रहे हैं। मेरे पुतले जलाए जा रहे हैं। कुछ लोग मुझे इतना ताकतवर बता रहे हैं कि मैं दुनिया के किसी कोने में रहकर बहुत बड़े शासन में उथल-पुथल कर सकता हं। मुझे माफ करें, अनावश्यक रूप से मुझे कलह का कारण बताकर मुझे खलनायक बनाने की कोशिश से मुझे बचाएं।