नन्ही स्कूली बच्चियों को सैनेटरी पैड देकर फोटो वायरल करने से अभिभावकों में आक्रोश,कार्यवाही करने की मांग
रतलाम,3 अगस्त (इ खबरटुडे)। अपने प्रचार के लिए नन्ही बालिकाओं को सैनेटरी पैड वितरित कर उनके फोटो वायरल करने का मामला अब तूल पकडने लगा है। नन्ही बालिकाओं के अभिभावकों और कुछ समाजसेवियों ने इस बात की शिकायत पुलिस अधीक्षक समेत बाल अधिकार संरक्षण आयोग व अन्य संस्थाओं को की है। अभिभावकों का कहना है कि नन्ही नाबालिग बच्चियों के सैनेटरी पैड के साथ फोटो सार्वजनिक किए जाने से बच्चियों को शर्मिन्दगी झेलना पडी हैं,वहीं उनकी निजता का हनन किया गया है।
असल में यह घटनाक्रम कोठारीवास स्थित शा. महारानी लक्ष्मीबाई उमा विद्यालय का है,जहां आमतौर पर गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों तथा अनुसूचित जाति जनजाति की नाबालिग बालिकाएं अध्ययन करती है। इस विद्यालय में इनरव्हील क्लब आफ रतलाम एक्टिव नामक संस्था की महिलाओं ने हेल्थ एण्ड हाइजीन सेमिनार के नाम पर बच्चियों को सैनेटरी पैड वितरित किए और पैड वितरण के फोटोग्राफ्स फेसबुक और व्हाट्सएप पर वायरल कर दिए।
नन्ही बालिकाओं के सैनेटरी पैड लेते हुए फोटो सोश्यल मीडीया पर वायरल होने के बाद स्कूल की बच्चियों को भारी शर्मिन्दगी का सामना करना पडा। उनके अभिभावकों में भी इस बात को लेकर आक्रोश फैल गया। इनरव्हील क्लब आफ रतलाम एक्टिव में शहर के प्रतिष्ठित और धनवान परिवारों की महिलाएं जुडी हुई है।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इन महिलाओं ने स्कूल प्रभारी को असत्य और भ्रामक जानकारी देकर स्कूल में कार्यक्रम करने की अनुमति प्राप्त की औव नन्ही बच्चियों को लाचार दिखाते हुए उन्हे सैनेटरी पैड वितरित किए। अपनी झूठी शान दिखाने के लिए इन महिलाओं ने इस कार्यक्रम के फोटो सोशल मीडीया पर वायरल कर दिए।
शिकायतकर्ताओं ने जब इस मामले में स्कूल प्रबन्धन से जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि आयोजनकर्ता महिलाओं ने स्कूल प्रबन्धन को गलत जानकारी देकर अनुमति प्राप्त की थी। उन्होने स्कूल में बालिकाओंके लिए हैल्थ एण्ड हाईजीन विषय पर सेमिनार करने की जानकारी दी थी,लेकिन यह कहीं नहीं बताया था कि वे छात्राओं को पैड भी वितरित करेंगी।
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार का कार्यक्रम करके इन्रव्हील क्लब ने केवल स्वयं की संस्था का प्रचार प्रसार किया है और शासकीय विद्यालय की बालिकाओं को गरीब,बेसहारा और गंवार बताया गया है। इस संस्था की महिलाओं ने नन्ही बालिकाओं को मानसिक और शारिरीक रुप से नीचा दिखाने का कार्य किया है। इस घटना से नन्ही बालिकाओं की पढाई पर भी काफी बुरा असर पडा है।
शिकायकर्ताओं ने उक्त संस्था के पदाधिकारियों के विरुध्द जांच कर कडी कार्यवाही किए जाने की मांग की है। इस मामले को उठाने वाले संस्कृति सुरक्षा अभियान से जुडे एक कार्यकर्ता ने बताया कि शहर में कुछ अन्य संस्थाएं भी सामाजिक विकृतियां फैलाने का काम कर रही है। ऐसी संस्थाओं की गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए संस्कृति सुरक्षा अभियान प्रारंभ किया गया है। उक्त कार्यकर्ता ने बताया कि जैन समाज से जुडी एक संस्था ने पिछले दिनों फ्रेन्डशिप डे के मौके पर महिलाओं के लिए पदमिनी और मुमताज के नाम पर कैटवाक का आयोजन किया। एक निजी मेरिज गार्डन में हुए इस आयोजन में भारतीय नारी के शील एवं स्वाभिमान का गौरव देवी पद्मिनी के नाम पर फैशन शो और कैटवाक जैसे आयोजन कर समाज की भावनाओं को आहत किया गया। संस्था द्वारा इस आयोजन की शिकायत भी की गई है।