नन्ही बच्चियों ने सीमा पर तैनात सैनिक भाईयों को पत्र लिखकर दी रक्षाबन्धन की शुभकामनाएं
रतलाम,20 अगस्त (वैदेही कोठारी )। रजिया,नेहा,हीना,साहिबा,मुस्कान…….। ये उन स्कूली बच्चियों के नाम है,जिन्होने भाई बहन के स्नेह पर्व रक्षाबन्धन को नए अंदाज से मनाने की ठानी है। इन नन्ही बच्चियों ने देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर तैनात सैनिक भाईयों को पत्र लिखकर रक्षाबन्धन की शुभकामनाएं दी है।
रक्षाबन्धन के पर्व पर जब बहनें अपने भाईयों की कलाईयों पर राखियां सजा रही होंगी,उस वक्त भी सीमा पर तैनात सैनिक भाई देश की रक्षा के लिए सन्नध्द रहेंगे। वहां उनकी बहनें नहीं होंगी,जो उन्हे राखी बान्ध सके। इन सैनिक भाईयों को अपनी बहनों की कमी महसूस ना हो,इसके लिए जन अभियान परिषद रतलाम ने नन्ही बहनों को प्रेरित किया कि वे सैनिक भाईयों को पत्र लिख कर रक्षाबन्धन पर्व की शुभकामनाएं दें।
जन अभियान परिषद की प्रेरणा से सैकडों स्कूली बच्चियों ने अपने सैनिक भाईयों के लिए पत्र लिखे। जन अभियान परिषद द्वारा संचालित सीएमसीएलडीपी की परामर्शदाता वैदेही कोठारी ने बताया कि उन्होने सरस्वती शिशु मन्दिर और शुभम शिशु विहार स्कूलों में जाकर कक्षा छठी से दसवीं तक की बच्चियों को इस बात के लिए प्रेरित किया कि वे रक्षाबन्धन पर्व पर सीमा पर तैनात अपने सैनिक भाईयों को शुभकामनाएं प्रेषित करें। देखते ही देखते सौ से भी अधिक नन्ही बच्चियों ने अपने मनोभाव पत्रों में व्यक्त कर दिए। श्रीमती कोठारी ने बताया कि जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक रत्नेश विजयवर्गीय के सुझाव पर उन्होने इस अभियान को प्रारंभ किया था।
नन्ही बच्चियों ने अपने पत्रों में सैनिक भाईयों को लिखा है कि वे तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात है। रक्षाबन्धन पर्व पर इन बहनों ने अपने सैनिक भाईयों को शुभकामनाएं देते हुए लिखा है कि उन्ही की बदौलत देशवासी अपने सारे पर्व हर्षोल्लास से मना पाते है। बहनों ने अपने सैनिक भाईयों से कहा है कि देश की सभी बहनों की रक्षाबन्धन की शुभकामनाएं उनके साथ है। सैनिकों को पत्र लिखने के इस अभियान में जनअभियान परिषद द्वारा संचालित सीएमसीएलडीपी की छात्राओं ने भी हिस्सेदारी की।
श्रीमती कोठारी ने बताया कि नन्ही बच्चियों और अन्य बहनों द्वारा लिखे गए सारे पोस्टकार्ड देश की विभिन्न सीमाओं पर तैनात सैनिकों को भेज दिए गए हैं। उन्होने बताया कि इस अभियान की सभी लोगों ने जमकर प्रशंसा की है और इसे प्रत्येक वर्ष जारी रखने की इच्छा भी व्यक्त की है।