November 15, 2024

रतलाम,30 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। कार्तिक अमावस्या की अंधेरी रात में झिलमिलाते दीपों से जब घर-आंगन जगमगाते हैं तो महालक्ष्मी का क्षीरसागर से पृथ्वी पर आगमन होता है। वे पृथ्वी पर घूमकर सुंदरता को निहारती हैं। जहां प्रसन्नाता, हर्ष और आनंद होता है वहां वे ठहर जाती हैं। हमें उनके लिए अपने घर को तैयार रखना चाहिए।

दीपावली धन और समृद्धि का त्योहार है। हर व्यक्ति मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और धन प्राप्त करने के उपाय करता है। मां लक्ष्मी की उत्पत्ति के संबंध में वेदों, उपनिषदों, पुराणों और संहिताओं में उल्लेख है। ग्रंथ बताते हैं कि लक्ष्मीजी की उत्पत्ति समुद्र से हुई है। देवों और दानवों ने मिलकर जब सागर मंथन किया तो उसमें से चौदह रत्न प्राप्त हुए थे, लक्ष्मीजी उन्हीं में से एक है। गायत्री की कृपा से मिलने वाले वरदानों में मां लक्ष्मी भी हैं। जिस पर उनका अनुग्रह होता है वह दरिद्रता, दुर्बलता, कृपणता और संकुचित मन से ग्रसित नहीं रहता है। जिनके पास लक्ष्मी होती है उन्हें श्रीमान भी कहते हैं क्योंकि लक्ष्मी का एक नाम ‘श्री’ भी है। प्रत्येक व्यक्ति की यही इच्छा होती है कि मां लक्ष्मी का आगमन हमारे घर में हो और हम धन-धान्य से भरपूर हो जाएं। दीपावली पर की जाने वाली पूजा-अर्चना के अलावा कुछ अन्य उपायों को भी अपनाया जाए तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य से भरपूर करती हैं। इस दिवाली इन उपायों से आप भी सौभाग्य की प्राप्ति कर सकते हैं।

शास्त्र के ज्ञाताओं ने लक्ष्मी के आठ रूपों का वर्णन किया है जिनमें आद्यालक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी, सौभाग्यलक्ष्मी, अमृतलक्ष्मी, कामलक्ष्मी, सत्यलक्ष्मी, भोगलक्ष्मी और योगलक्ष्मी प्रसिद्ध हैं। मां लक्ष्मी की कृपा के पौराणिक महत्व के साथयह व्यावहारिक सचाई है कि लक्ष्मी की प्रसन्नाता सभी के लिए अभीष्ट है। धन वैभव के बिना संसार आगे नहीं बढ़ सकता है। यही कारण है कि धन की अधिष्ठात्री देवी मां लक्ष्मी की कृपा पाने का पर्व दीपावली कहलाता है। यह ऐसा त्योहार है जो तन (उत्तम स्वास्थ्य), मन (मनोकामनाएं) और धन (संपत्ति) प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

– दीपावली के दिन प्रात: भगवान विष्णु का स्मरण करें। जहां नारायण हैं वहीं श्रीलक्ष्मी भी होंगी।

– श्री गणपति की स्थापना होने पर लक्ष्मी की पूर्ण स्थापना होती है। बिना गणपति के लक्ष्मी साधना अधूरी रहती है।

– दीपावली के दिन गन्ना घर में लाने से लक्ष्मी का आगमन होता है।

– दीपावली पर पूजा करते समय मां लक्ष्मी को कमलगट्टे की माला पहनाएं और अगले दिन लाल कपड़े में बांधकर अपने घर में पैसों के बीच रखें। 3 बार ‘ऊं महालक्ष्मै नम:’ बोलें।

– दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के अलावा श्रीसूक्त का पाठ अवश्य करना चाहिए। उसके पश्चात हर शुक्रवार की रात्रि को ‘श्रीसूक्त’ का पाठ करना चाहिए ताकि घर में मां लक्ष्मी का स्थायी निवास हो।

– दिवाली के दिन पीपल के नीचे साथ दीपक सरसों के तेल में जलाने से सभी प्रकार की परेशानियों का अंत होता है।

– दिवाली की रात को पूजन के पश्चात नौ गोमती चक्र हल्दी लगाकर तिजोरी में स्थापित करने से वर्षभर खुशहाली बनी रहती है।

– दिवाली के दिन किन्नरों को कुछ न कुछ अवश्य भेंट करें और आशीर्वाद लें। करके देखिए सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी।

– दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के पश्चात कुबेर देव की भी पूजा करना चाहिए। और इस मंत्र की एक माला अवश्य जपनी चाहिए- ‘यक्षाय कुबेराय वैश्वणाय धन-धान्य अधिपत्यै धन धान्य समृद्धि मम देहि दाप्य स्वाहा।’

– दुकानदार या व्यावसायी दीपावली की रात साबुत फिटकरी लेकर उसे दुकान में चारों तरफ घुमाकर किसी चौराहे पर जाकर उत्तर दिशा की तरफ फेंकें। ऐसा करने दुकान में ग्राहकी बढ़ेगी और धन-लाभ में वृद्धि होगी।

– दिवाली से आरंभ करते हुए प्रत्येक अमावस्या किसी अपंग या भिखारी या विकलांग व्यक्ति को भोजन कराएं तो सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।

– मां लक्ष्मी का एक नाम कमला भी है। लक्ष्मी को कमल सर्वाधिक प्रिय है। लक्ष्मी की साधना करते समय कमल पुष्प अर्पित करने पर, कमल गट्टे की माला से लक्ष्मी मंत्र का जाप करने पर लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्ना होती हैं।

– लक्ष्मी प्राप्ति के लिए श्रीयंत्र, कनकधारा यंत्र और कुबेर यंत्र समन्वय से एक पूर्ण क्रम स्थापित होता है।

– मां लक्ष्मी की कृपा की चाह रखने वाले को गुरु और अभिभावकों को उचित सम्मान देना चाहिए। जीवन में दान की भावना, पुण्य कार्य का उत्साह, घर की स्त्री का सम्मान और हर तरह से मंगलमय वातावरण बनाए रखना चाहिए। घर में प्रसन्नाता के अभाव में लक्ष्मी का आगमन हो भी जाए तो भी वह स्थिर नहीं रह पाती है।

– दिवाली की पांचों रात्रि कम से कम 5 दीपक अवश्य लगाने चाहिए। इनमें चार छोटे और एक दीपक बड़ा लगाया जा सकता है। दीपक को सीधे धरती रखने के बजाय नीचे आसन अवश्य दें। जैसे पहले थोड़ी खील या चावल रखें फिर दीपक रखें।

– लक्ष्मीजी को घर में बनी खीर का भोग लगाएं, बाजार की मिठाई से जितना परहेज कर सकते हों करें।

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