December 25, 2024

दिन में 11:10 से 1:50 बजे तक रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त

rakhi

भद्रा व चंद्रग्रहण के कारण शुभ मुहूर्त पर ध्यान देने की है जरूरत

चाईबासा,06 अगस्त(इ खबरटुडे)। सावन  पूर्णिमा का सनातन धर्म में बड़ा महत्व है. इस दिन भाई-बहन के प्रेम का  प्रतीक रक्षा-बंधन त्योहार मनाया जाता है. यह त्योहार इस वर्ष सोमवार यानी  सात अगस्त को है. इस दिन भद्रा काल भी रहेगा. शास्त्र के अनुसार भद्रा काल  में रक्षा-बंधन निषेध रहता है. भद्रा के साथ-साथ इस वर्ष चंद्र ग्रहण भी  है.

इसलिए रक्षा-बंधन के लिए शुभ मुहूर्त पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. राष्ट्रीय पंचांग के अनुसार भद्रा की समाप्ति  दिवा 11:09 बजे है. वाराणसी पंचांग के अनुसार दिवा 10:29 बजे है. और  मिथिला पंचांग के मुताबिक भद्रा की समाप्ति दिवा 10:38 बजे हो रही है. ऐसे  में अपने कुल परंपरा के अनुसार इस विधान को पूर्ण करने का प्रयास होना  चाहिए.

सूतक से पूर्व करें पूजा 

स्थानीय समय के अनुसार  चंद्र ग्रहण का सूतक दिवा 1:52 बजे लगेगा. इस कारण रक्षा-बंधन के दिन कुल  देवी-देवता, अपने अराध्य आदि की पूजा दिवा 1:52 बजे से पहले कर लें. संभव  हो तो रक्षाबंधन की प्रक्रिया भी इस अवधि से पूर्व कर लें तो उत्तम रहेगा.  वैसे भद्रा समाप्ति के बाद से लेकर रात्रि 8:31 बजे तक रक्षाबंधन का विधान  निभाया जा सकता है.

बनायें कच्चे सूत्र
प्रात:काल  स्नानादि से निवृत्त होकर वेदों में युक्त विधि से देव पूजन, पितृ तर्पण,  ऋषि पूजन और रक्षा-बंधन करना चाहिए. रक्षा के लिए किसी कच्चे सूत्र या रेशम  आदि को बना लें. उसमें सरसो, केसर, चंदन, अक्षत और दूर्वा रखकर रंगीन  सूत्र के डोर में बांधें. इसके बाद बहन भाई को, राजा प्रजा को, ब्राह्मण  यजमान को, गुरु शिष्य को रक्षा-बंधन करें.

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds