December 25, 2024

जीवन के लिए ज़हर है रासायनिक कीटनाशक -पाण्डेय

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जैविक कृषि कार्यशाला का समारोहपूर्वक समापन

रतलाम,10 नवंबर(इ खबरटुडे)। संघोश सामाजिक सेवा समिति के तत्वाधान में तीन दिवसीय जैविक कृशि कार्यषाला का आज अंतिम दिन श्री राम गौषाला बांगरोद पर सम्पन्न हुआ । सर्वप्रथम अतिथियों ने गोमाता की पूजा अर्चना कर एवं भगवान बलराम की पूजा अर्चना कर कार्यक्रम की षुरूआत की । कार्यक्रम की अध्यक्षता मथुरालाल डामर (रतलाम ग्रामीण विधायक) मुख्य अतिथि  प्रदीप पाण्डेय उपाध्यक्ष म.प्र. जन अभियान परिशद् विषेश अतिथि अजीत केलकर, रवि  केलकर, कृशि वैज्ञानिक गुप्ताजी डी.डी.ए. कृशि आत्मा धीरजसिंह  समाज सेवी ने भाग लिया । कार्यक्रम की षुरूआत कृशकों के अनुभव कथन से की गई, समरथ  पाटीदार, बैभव बैरागी, भगतजी, विनय पालीवाल ने अपने अनुभव जैविक कृशि, एक विचार माला एक कार्यषला के अनुभव किसान भाईयों से साझा किये । सर्वप्रथम श्री गुप्ताजी ने षासन की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं और जैविक उत्पादन को बढावा देने वाली अनुदान को कृशको को बताया उन्होने जैविक कृशि सम्मेलन के अनुभवों के किसानों को बताया ।jevik3-2
धीरजसिंह ने बताया कि जैविक कृशि को वर्तमान परिदृष्य में कितनी आवष्यकता है इसके बारे में जानकारी प्रदान की । और कहा कि जैविक की षुरूआत सर्वप्रथम कम रकबे से करें ।
प्रदीप जी पाण्डेय ने कहा कि पंजाब में केंसर ट्रेन चल रही है, इसका प्रमुख कारण है रासायनिक दवाईयाॅ उन्होने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जा रहे है, जिससे वो हमारा अनुसरण करें, किटनाष यह भारत भूमि है, ऐसे रासायनिक डाल कर नश्ट नहंी करें, यह हमारी माता है जो हम इसे खिलायेगे वहीं हमें प्रदान करेगी । गौमाता के गोबर से बनी खाद विधियों को उपयोग में लायें, और रसायनिक मुक्त खेती को बढावा देवे । इस कृशि सम्मेलन में 300 कृशकों ने संकल्प पत्र भरकर जैविक कृशि का संकल्प लिया । अध्यक्षीय भाशणा में श्रीमती मथुरालालजी डामर ने कहा कि यह जैविक कृशि की कार्यषला से निष्चित ही हमारे जीवन में जैविक की कितनी महत्वपूर्ण है, यह किसानों को बताया, कृशि वैज्ञानिक अजीत केलकर, एवं श्री रवि केलकर ने पाॅवर पाईन्ट प्रन्जनटेंषन के माण्ध्यम से डीएपी और यूरिया जैविक से बना है यह बताया, और कहा कि फसल चक्र को बनाकर हम मित्र कीटों को बचा सकते है । जैविक कृशि से हमारे मित्र किटों को कैसे बचाये, उन्होने बताया कि मैढ़ पर पपीता, रतनजोत लगाये और उनका महत्व बताया उन्होने बताया कि डीएपी जो 1300/- रूपये की लागत आती है जैविक से बनाये खाद की 150 से 200 रूपये की लागत से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है ।
समापन में जैविक कृशक भगतजी, धीरजसिंह  और श्रीराम गौषाला के अध्यक्ष धन्नालाल का प्रतिक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया । अतिथियों को भी प्रतिक चिन्ह भेंट किये गये ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रदीप पाण्डेय, उपाध्यक्ष जन अभियान परिशद्, मथुरालाल डामोर, रतलाम ग्रामीण विधायक, डी.डी.ए. कृशि आत्मा श्री गुप्ताजी, कृशि वैज्ञानिक अजीत केलकर, रवि केलकर,  धीरजसिंह , कार्यक्रम संयोजक  पंकज जोषी, कृशक प्रमोद षर्मा, कैलाष  राठौर, समरथ पाटीदार, श्रीमती नम्रता तिवारी म.प्र. जन अभियान परिशद् रतलाम आदि उपस्थित थे ।
कार्यक्रम का संचालन  महावीर बैरागी, एवं आभार बबलु व्यास ने माना ।

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