December 25, 2024

जामण पाटली से हमारी कोई आमदनी नहीं तो हम सफाई क्यों करवाये

jaman

रतलाम,08सितम्बर(इ खबरटुडे)।देश में जहा स्वच्छ भारत अभियान जितने बड़े स्तर चलाया जा रहा है वही रतलाम ग्रामीण बिबड़ौद सचिव का कहना है इस पर्यटन स्थल से हमारी कोई आय नहीं तो हम इस की सफाई क्यों करवाए। नगर से करीब 5 किलो मीटर दूर जामण पाटली की खूबसूरत वादियों में प्रतिदिन सैलानियों का हुजूम उमड़ रहा है। प्रकृति से प्रेम रखने वाले लोग अक्सर यहां आते है लेकिन उन्हें यहां आकर गंदगी सामना करना पड़ता है। प्रकृति की गोद में समाई इन वादियों को गंदगी का ग्रहण लग गया है।इन सुंदर वादियों में गंदगी का ढेर लगना शुरू हो गया है। सरपंच व सचिव इन कचरे के ढेरो को उठवाने की बजाय अपनी जेबो का रोना रो रहे है ।

इ खबर टुडे की सचिव से चर्चा
जामण में फैल रही गंदगी के बारे में मैं जानती है,कई लोगो ने मुझे इस विषय में सूचित भी किया ,मेरा मानना है की जामण पाटली से हमारी कोई आय नहीं तो हम वहा की सफाई क्यों करवाये और ये सब तो कई सालो से चल रहा है । –ग्रामीण सचिव बिबड़ौद किरण पंवार

एक तरफ प्रधानमंत्री द्वारा देश में सफाई को सफल बनाने के लिए बड़े-बड़े फैसले लिए जा रहे है। वही इस प्रकार की विचारधारा रखने वाले ज़िम्मेदार अपनी कार्यशैली बरक़रार रखकर अभियान को विफ़ल बनाने में लगे हुए है।

 

इस पर्यटन स्थल पर शौचालय भी नहीं है, इस कारण लोग खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं। प्रशासन की लापरवाही इस गंदगी में चार चाँद लगा रही है। जहां सरकार स्वछ भारत अभियान चला रही है वही जामण में शौचालय की सुविधा मुहैया करवाने में नाकाम हो रही है ।
जामण पाटली को स्वच्छ रखने हेतु डस्टबिन,कचरे के कंटेनर ,समय-समय पर सफाई, सख्ती के रूप में गंदगी फैलाने वालो के ख़िलाफ़ स्पॉट फ़ाईन लगाने की आवश्यकता है। लोग खाने-पीने के बाद कचरा इधर-उधर फेंक कर सभ्य होने का परिचय दे रहे हैं। पिकनिक मनाने के बाद कूड़ा कचरा, शराब, बीयर की बोतल, खाली पैकेट, खाने की बची हुई सामग्री, फलों के छिलके, डिब्बे व रद्दी, आदि फेंककर चले जाते हैं और यही कचरा हवा के माध्यम से उड़कर नदी में जा रहा है। जिसके चलते नदी का जल दूषित व जलीय जंतुओं को प्रभावित कर रहा है।
प्रशासन की ओर से अगर थोड़ी सख्ती अमल में लाई जाए तो हसीन वादियां गंदगी के कलंक से दूर किया जा सकता है । लेकिन लगता है की जब तक जिम्मेदारों को  इस पर्यटन स्थल से मौद्रिक लाभ नहीं मिलता है । तब तक गंदगी फैलती रहेगी और इन खूबसूरत वादियों को दूषित होने दिया जायेगा।प्रशासन की ओर से गंदगी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएये तो इस गंदगी को काफ़ी हद तक रोका जा सकता है।

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