November 15, 2024

जयन्तसेन धाम में रही जिले में प्रतिष्ठा के मुहूर्तों की धूम

रतलाम,12 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। लोकसंत, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी का रतलाम चातुर्मास नित नए इतिहास रच रहा है। बुधवार को आचार्यश्री से प्रतिष्ठा का मुहूर्त लेने जिले के कई श्रीसंघ जयन्तसेन धाम पहुंचे। नामली, सरसी, जावरा और पिपलौदा के जिनमंदिरों में प्रतिष्ठा के मुहूर्त घोषित होते ही वातावरण में हर्ष और उल्लास छा गया। केशरिया-केशरिया गूंज करते हुए श्रीसंघ प्रतिनिधियों ने उत्साह और उल्लास प्रदर्शित किया।

लोकसंतश्री ने नामली के श्री सुमतिनाथ जिनालय में 16 नवंबर बुधवार, सरसी के श्री कुंथुनाथ जिनालय में 19 नवंबर शनिवार, जावरा के श्री पार्श्वनाथ जिनालय श्री राजेन्द्रसूरि वाटिका में 25 नवंबर मंगलवार और पिपलौदा के श्री पार्श्वनाथ जिनालय श्री राजेन्द्रसूरि दादावाड़ी में 5 दिसंबर 2016 बुधवार को प्रतिष्ठा के मुहूर्त प्रदान किए। इससे पूर्व श्रीसंघों के प्रतिनिधियों इन्दरमल दसेडा, जयन्त डांगी, श्रेणिक चत्तर आदि ने मुहूर्त प्रदान करने और 27 नवंबर रविवार को गच्छाधिपतिश्री का जन्मोत्सव मनाने की अनुमति प्रदान करने की विनती की। प्रतिष्ठा के मुहूर्तो के साथ जन्मोत्सव पर आचार्यश्री के जावरा में रहने की घोषणा की गई।
मंदसौर नगर पालिका अध्यक्ष प्रहलाद बंधवार व पिपलौदा नगर परिषद् अध्यक्ष श्याम बिहारी पटेल भी जयन्तसेन धाम पहुंचे। चातुर्मास आयोजक व राज्य योजना आयोग उपाध्यक्ष चेतन्य काश्यप परिवार तथा रतलाम श्री संघ की ओर से उनका एवं सरसी के बाबूलाल चत्तर,, नामली के बाबूलाल भंसाली व रतनलाल चत्तर, पिपलौदा के रमेशचन्द्र धींग, नागदा के प्रेमलता-चौथमल वागरेचा परिवार, सप्तनगरी जैन श्रीसंघ इंदौर के हजारीमल जैन तथा चेन्नई से आए साहित्यकार  नरेन्द्र कुमार पोरवाल बागरावाला का बहुमान किया गया। श्री संघ के सुशील छाजेड़, पारसमल खेड़ावाला, निर्मल मेहता, कांतिलाल दुगगड़, एस.बरमेचा, डॉ.नरेन्द्र मेहता, विनय सुराना, प्रमोद बोराना व राजकमल जैन ने अतिथियों का सम्मान किया। राज राजेन्द्र जयन्त वाटिका ट्रस्ट जावरा के पदाधिकारियों ने चातुर्मास आयोजक श्री काश्यप व श्री संघों के प्रतिनिधियों ने श्रीमती तेजकुंवर बाई काश्यप का अभिनंदन किया। इस अवसर पर यतीन्द्र ज्ञानपीठ विद्यालय की परीक्षा में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को सम्मानित भी किया गया। अंत में दादा गुरूदेव की आरती का लाभ नरेन्द्र कुमार पोरवाल परिवार ने किया।
बच्चों में करे अच्छे संस्कारों का रोपण- लोकसंतश्री
जयन्तसेन धाम में लोकसंतश्री के दर्शन-वंदन कर आशीर्वाद प्राप्त करने प्रतिदिन सैंकड़ों गुरूभक्त आ रहे है। बुधवार को खाचरौद में आचार्यश्री की प्रेरणा से स्थापित श्री राज राजेन्द्र जयन्तसेन विद्यापीठ के ट्रस्टी, प्राचार्य और शिक्षक-शिक्षिकाओं ने आशीर्वाद लिया। श्री राजेन्द्र जैन धार्मिक पाठशाला राजगढ़ के विद्यार्थियों ने तरुण परिषद् राष्ट्रीय संचालन समिति सदस्य हर्ष बाफना के नेतृत्व में दर्शन-वन्दन कर आशीष लिया। उन्हें संबोधित करते हुए लोकसंतश्री ने कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति ने भले ही शिक्षाकर्मी बना दिए हो, लेकिन प्राचीनकाल से शिक्षकों को गुरुजन के रूप में वंदनीय और सम्माननीय माना गया है। आज का वातावरण जीवन को विकसित करने के बजाए विनाश की ओर ले जा रहा है, इसलिए बच्चों में अच्छे संस्कारों का बीजारोपण करे। उन्हें सुबह उठने के बाद माता-पिता, परमात्मा और स्कूल में गुरूजनों का वंदन करना सिखाएं, ताकि ये संस्कार जीवनभर बने रहे। शिक्षक समुदाय किस्मतवाला है, जो उसे संस्कारदान करने का अवसर मिला है। उन्हें अपने परिवार में भी श्रेष्ठ संस्कारों की फसल बोना चाहिए, इससे समाज में उनके साथ परिवार को भी आदर-सम्मान मिलेगा।
मोक्ष जाने का राजमार्ग है श्रमण जीवन-मुनिराजश्री
शाश्वती सिद्धचक्र नवपद ओलीजी की आराधना के पांचवें दिन मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा.ने श्रमण जीवन का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि श्रमण जीवन मोक्ष जाने का राजमार्ग है। श्रमण बनने का भाव जो व्यक्ति रखता है, वो ही श्रावक होता है। संयम का जीवन केवल मनुष्य को ही प्राप्त होता है। अरिहंत, सिद्ध, आचार्य व उपाध्याय बनने वाले को भी सर्वप्रथम साधु बनना पड़ता है। साधु वहीं होता है, जो जीव मात्र के प्रति दया का भाव रखता है। संसार में रहने वाले जीव किसी को दुख दिए बिना सुखी नहीं रह सकते, लेकिन साधु किसी के दुख में निमित्त नहीं बनता है। मुनिराजश्री ने श्रद्धालुओं को नवपद की महिमा बताते हुए श्रीपाल रास का रसपान भी कराया।

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