जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने बनाया रेकॉर्ड, 51 जजों के नाम पर मुहर
नई दिल्ली,16 अप्रैल(इ खबरटुडे)। सुप्रीम कोर्ट ने एक नया रेकॉर्ड बनाया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर की अगुआई में सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने देश के 10 हाई कोर्ट में नियुक्ति के लिए 51 जजों के नामों पर मुहर लगाई है। कलीजियम ने यह फैसला अदालतों में जजों की नियुक्ति से जुड़े मेमोरैंडम ऑफ प्रोसिजर (MoP) तय करने के कुछ वक्त बाद ही किया है। जिन 51 नामों पर कलीजियम ने मुहर लगाई है, उनमें 20 जुडिशल ऑफिसर्स जबकि 31 एडवोकेट्स हैं, जिन्हें हाई कोर्ट जज बनाने की सिफारिश की गई है। इससे पहले, कभी ऐसा नहीं हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट कलीजियम ने 10 दिन के अंदर ही 51 नाम तय करके उनकी सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी हो।
बता दें कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में 2015 के बाद से ही पेंडिंग केसों की तादाद में तेजी से इजाफा हुआ है। वहीं, देश के 24 हाई कोर्ट में 41 प्रतिशत पद खाली हैं। इन अदालतों में कुल 1079 जजों के पद हैं, लेकिन सिर्फ 632 ही काम कर रहे हैं। सीजेआई खेहर, जस्टिस दीपक मिश्र और जस्टिस चेलामेश्वर की सदस्यता वाले कलीजियम को जजों के नाम तय करने में मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा। ऐसा इसलिए क्योंकि जस्टिस चेलामेश्वर कलीजियम की बैठकों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। हालांकि, उन्होंने बाकी दो जजों की ओर से प्रस्तावित नामों पर अपनी राय देने पर रजामंदी दी है। सीजेआई ने मामले का हल निकालते हुए मिश्रा और चेलामेश्वर से अलग-अलग कई बार मुलाकात की। जजों के नाम तय करने के लिए सीजेआई ने मार्च 20 से 29 के बीच ये मुलाकातें कीं। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने उन 90 नामों में से इन जजों को छांटा, जिनकी सिफारिश विभिन्न हाई कोर्ट के कलीजियम ने की थी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जजों की नियुक्ति की नई व्यवस्था नैशनल जुडिशल अपॉइंटमेंट कमिशन (NJAC) को अक्टूबर 2015 में खारिज कर दिया था। इसके दो महीने बाद, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह नया मेमोरैंडम ऑफ प्रोसिजर (MoP) बनाए। यह मामला बीते डेढ़ साल से जुडिशरी और सरकार के बीच विवाद का विषय बना हुआ है। MoP पर विवाद के बावजूद, केंद्र सरकार ने दावा किया था कि उसने हाई कोर्ट के लिए 2016 में 127 जजों की नियुक्त को मंजूरी दी, जो एक रेकॉर्ड है।