December 25, 2024

चीन को मिलेगा बॉर्डर पर गुस्‍ताखी का जवाब, BSNL ने टेंडर छीनकर की शुरुआत

modi zinping

नई दिल्‍ली,18 जून (इ खबरटुडे)। बॉर्डर पर चीन की गुस्‍ताखी का सेना ने मुंहतोड़ जवाब तो दिया ही। अब आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को उसकी हरकतों की सजा देने की शुरुआत हो गई है। भारत सरकार ने सरकारी टेलिकॉम कंपनियों से किसी भी चीनी कंपनी के इक्विपमेंट्स का इस्‍तेमाल न करने को कहा है। भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) के टेंडर को कैंसिल कर दिया गया है। साथ ही, प्राइवेट मोबाइल फोन ऑपरेटर्स के लिए भी Huawei और ZTE जैसे चीनी ब्रैंड्स से दूर रहने का नियम बनाया जा सकता है।

चीन को करीब 3 हजार करोड़ का नुकसान

BSNL और MTNL से कहा गया है कि वे अपने टेंडर में बदलाव करें। इस आदेश का Huawei और ZTE के भारत में कारोबार पर गहरा असर पड़ेगा। देश के 5G डिप्‍लॉयमेंट्स से ये दोनों कंपनियां प्रतिबंधित कर दी गई हैं। भारतीय टेलिकॉम इक्विपमेंट का एनुअल मार्किट 12,000 करोड़ रुपये है। इसमें से एक-चौथाई पर चीन का कब्‍जा है। बाकी में स्‍वीडन की एरिक्‍सन, फिनलैंड की नोकिया और साउथ कोरिया की सैमसंग शामिल है। भारतीय एयरटेल और वोडाफोन, दोनों ही Huawei और ZTE के साथ काम करते हैं।

भारतीय कंपनियों को पहुंच रही थी चोट

एक अधिकारी ने कहा, “हमे टेलिकॉम मैनुफैक्‍चरर्स से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि चीन भारतीय टेलिकॉम इक्विपमेंट्स का इम्‍पोर्ट नहीं होने दे रहा है, बल्कि अपने टेलिकॉम गियर को सब्सिडी देता है जिससे भारतीय बाजार में उनके दाम बेहद कम हो जाती है। इसका नतीजा ये होता है कि स्‍वदेशी टेल‍िकॉम इक्विपमेंट्स मैनुफैक्चरर्स आगे नहीं बढ़ पाते।” उन्‍होंने कहा कि सरकार देश की सुरक्षा के लिए फैसले ले रहा है। जल्‍दी ही, प्राइवेट प्‍लेयर्स से भी बात कर चीन को दूर रखने की रणनीति बनाई जाएगी।

LAC पर चीनी हरकत का जवाब?

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि लद्दाख में लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर जो हुआ, उसका खामियाजा चीन को भुगतना होगा। भारतीय सेना पर हमला होने के बाद, सरकार रणनीतिक सेक्‍टर्स से चीनी कंपनियों को दूर रख सकती है। यह भी डर है कि इन कंपनियों में चीनी सेना का भी हिस्‍सा है। Huawei पर लंबे समय से पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) के इशारे पर काम करने का शक रहा है। बुधवार को यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश के कुछ घटों बाद हुआ जिसमें उन्‍होंने कहा था कि अगर चीन ने उकसाया तो भारत जरूर जवाब देगा।

कई देशों में है चीनी कंपनीज पर बैन

अमेरिका ने सुरक्षा कारण गिनाते हुए भारत से Huawei पर बैन लगाने को कहा था। दूसरी तरफ, चीन ने धमकी दी थी कि अगर 5G से Huawei को हटाया गया तो भारत आर्थिक नतीजे भुगतने को तैयार रहे। अमेरिका के अलावा न्‍यूजीलैंड, जापान, ऑस्‍ट्रेलिया और ताइवान जैसे देशों ने 5G डिप्‍लॉयमेंट से Huawei को बाहर रखा है। इसके उलट फ्रांस, रूस, नीदरलैंड्स, साउथ कोरिया जैसे देशों ने चीनी कंपनी को इजाजत दी है।

दिल्‍ली-मेरठ रोड का ठेका भी छिना?

दिल्‍ली और मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्‍टम (RRTS) बन रहा है। इसके डिजाइन और एक अंडरग्राउंड हिस्‍से के कंस्‍ट्रक्‍शन का टेंडर एक चीनी कंपनी को मिलने की रिपोर्ट्स थीं। मगर बुधवार को केंद्र सरकार ने कहा कि कॉन्‍ट्रैक्‍ट देने की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। विपक्षी दलों ने चीनी कंपनी को ठेका देने का विरोध किया है। ऐसे में यह कॉन्‍ट्रैक्‍ट भी चीनी कंपनी के हाथ से जाने की संभावना है।

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