ग्राहक को समय पर बीमा क्लेम नहीं देने पर कम्पनी को चुकाना पड़ा हर्जाना
रतलाम 21 फरवरी (इ खबरटुडे)। देश की विख्यात स्वास्थ्य बीमा प्रदाता कंपनी आई.सी.आई.सी.आई.लोम्बार्ड को अपने रतलाम निवासी ग्राहक किशोर शकरवाल को निर्धारित समय में बीमा क्लेम की राशि अदा नहीं करने के कारण बीमा क्लेम राशि के अलावा सर्विस ग्यारन्टी पेनल्टी अर्थात हर्जाना राशि भी देनी पड़ी है। नियमानुसार क्लेम दस्तावेज प्राप्त होने के बाद यदि क्लेम सम्बन्धी सभी दस्तावेज पुरे हों तो 14 कार्य दिवस में ग्राहक को बीमा राशि का भुगतान करना होता है।
ग्राहक ने बताया की क्लेम अवधि के दरम्यान ग्राहक को कंपनी के कस्टमर केयर से लेकर कई सीनियर जूनियर सुरवाइजरों एवम मैनेजरों से अपने क्लेम को लेकर दर्जनों बार फोन पर तीखी बहस भी हुई लेकिन कोई कर्मचारी ग्राहक को नियमानुसार एक निश्चित समय सीमा या तारीख नहीं बता पाये अपितु अलग अलग समय बताते रहे। सभी दस्तावेज पुरे होने के बावजूद भी समय पर बीमा राशि नहीं मिलने पर ग्राहक ने बीमा कंपनी को बार बार ईमेल और फोन किये लेकिन बीमा कंपनी से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा था। लगातार फोन पर कस्टमर केयर से लेकर कई सीनियर जूनियर सुरवाइजरों एवम मैनेजरों से बात करने के बाद एक लंबे अन्तराल के बाद ग्राहक को बड़ी मुश्किल से बीमा राशि का भुगतान किया गया। ग्राहक के प्रति बीमा कम्पनी की इस तरह की सेवा और व्यवहार से व्यथित हो कर ग्राहक ने इरडा ( बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण ) का दरवाजा खटखटाया।
बीमा विनियामक द्वारा ग्राहक को दिये गए सुझाव अनुसार ग्राहक ने बीमा कम्पनी में देरी से क्लेम मिलने पर असन्तोष जताया और हर्जाने की मांग की। कंपनी की सुस्त कार्यशैली का अंदाजा भी इसी बात से लगाया जा सकता है की कंपनी के कर्मचारियों को, हर्जाने की राशि कितने दिनो में चुकाने का प्रावधान है यह भी नहीं पता और सब कर्मचारी पहले की तरह ही ग्राहक को फोन पर एवम ईमेल पर अलग अलग तारीख और समय बताते रहे। कई बार तो मैनेजर लेवल तक के कर्मचारी भी ग्राहक को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए और ग्राहक से फोन पर बात करने से बचते रहे। शिकायत के लगभग 100 दिनों तक कंपनी ग्राहक को कोई निश्चित तारीख या निर्धारित समयावधि नहीं बता पाई।
ग्राहक ने कंपनी के सी.ई.ओ. एवम अन्य शीर्ष अधिकारियों से भी बात करवाने की मांग की लेकिन कोई तैयार नहीं हुआ। ग्राहक द्वारा लगातार संपर्क करने और जागरूक रहने के परिणाम स्वरुप कंपनी को अंततः ग्राहक को संतोष जनक और समय पर सेवा प्रदान नहीं करने के कारण पेनल्टी चुकानी पड़ी। उल्लेखनीय है की बीमा कंपनी के बीमा नवीनीकरण डेस्क द्वारा ग्राहक को भविष्य में अच्छी सेवा देना का वादा भी किया गया और ग्राहक ने क्लेम अवधि के दरम्यान लचर सर्विस होते हुए भी अपने स्वास्थ्य बीमें का नवीनीकरण भी करवाया। ग्राहक ने हर्जाने की राशि से संतुष्ट नहीं होने पर बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण को शिकायत करने की बात भी कही है एवम सभी ग्राहकों से जागरूक होने की अपील की है।