कोऑपरेटिव बैंक अब RBI के दायरे में, मुद्रा लोन लेने वालों को बड़ी राहत
नई दिल्ली,24 जून (इ खबरटुडे)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। दिल्ली के 7 लोक कल्याण मार्ग पर हुई इस बैठक की जानकारी केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दी।
भारत सरकार ने घोषणा की कि अब से देश की सभी 1540 को-ऑपरेटिव बैंक (अर्बन व मल्टी स्टेट को ऑपरेटिव बैंक) को रिजर्व बैंक के सुपरविजन में होंगी। इसके अलावा सरकार ने मुद्रा लोनधारकों के ब्याज में 2 प्रतिशत छूट देने की घोषणा भी की।
माना जा रहा था कि चीन से विवाद की स्थिति के बाद भारत सरकार ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ जैसी कुछ बड़ी और महत्वपूर्ण घोषणाएं करेगी, लेकिन इससे अलग सरकार ने अर्थव्यवस्था से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं की।बता दें कि इस बैठक में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ ही आर्थिक मामलों को लेकर बनीं कैबिनेट कमेटी भी मौजूद रही।
को-ऑपरेटिव बैंक RBI के अधीन
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि सरकार नया अध्यादेश लाने जा रही जिसके तहत देश की सभी 1540 को ऑपरेटिव बैंक (1482 अर्बन व 58 मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक) RBI की निगरानी में आएंगी।
उन्होंने कहा कि इन बैंकों में साढ़े 8 करोड़ से ज्यादा खाताधारक हैं और RBI के दायरे में आने से लोगों को ये विश्वास होगा कि उनकी जमा राशि सुरक्षित रहेगी। सरकार के इस फैसले के बाद बैंकिंग सेक्टर से जुड़े नियम अब इन को ऑपरेटिव बैंकों पर भी लागू होंगे। इन 1540 बैंकों में 4 लाख करोड़ 84 लाख रुपए जमा हैं।
स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर बनेगा
पॉवर सेक्टर की तरह सरकार ने स्पेस (अंतरिक्ष) सेक्टर के लिए बड़ी घोषणा की। सरकार में एटॉमिक एनर्जी एंड स्पेस मिनिस्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर गठित करने का फैसला किया है। ये सेंटर इसरो के साथ मिलकर काम करेगा। हालांकि तकनीकी सेक्टर में इसकी कोई भूमिका नहीं होगी। ये संस्था प्राइवेट इंडस्ट्रीज को स्पेस एक्टिविटीज के लिए गाइड करेगी।