कुपोषण और अशिक्षा को दूर करने के लिये मिलकर काम करें-मुख्यमंत्री श्री चौहान
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया दीनदयाल वनांचल सेवा योजना का शुभारंभ
भोपाल,20 अक्टूबर(इ खबरटुडे)। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कुपोषण, अशिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिये सब विभाग मिलकर काम करें। दीनदयाल वनांचल सेवा योजना वन क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की क्रांतिकारी पहल है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ दीनदयाल वनांचल सेवा योजना के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। वन विभाग द्वारा यह सेवा सुदूर वनांचलों में वनकर्मियों के सहयोग और सेवाभाव से वनवासियों के स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में सुधार के लिये शुरू की गयी है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि विभागों के सम्मिलित प्रयासों से कुपोषण और अशिक्षा की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी। इन समस्याओं से निपटने के लिये सजग और बेहतर प्रयास की जरूरत है। किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य के संबंध में जागरूक बनाकर परिवर्तन लाया जा सकता है। योजना की मूल भावना को समझकर समन्वय से कार्य करे तो बेहतर परिणाम मिलेंगे।
योजना एकात्म मानववाद तथा अन्त्योदय को ध्यान में रखकर बनायी गयी- डॉ. गौरीशंकर शेजवार
कार्यक्रम के अध्यक्ष वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि यह योजना एकात्म मानववाद तथा अन्त्योदय को ध्यान में रखकर बनायी गयी है। इसमें मानवीय विकास की पहल की गयी है। इससे वनवासी मजबूत होगा तथा वनों के विकास में मदद करेगा। महिला वनरक्षकों को स्वास्थ्य संबंधी प्रशिक्षण दिया जायेगा। लगभग 50 वन ग्रामों के बीच महिला स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित किया जायेगा। कुपोषित बच्चों को पहचानकर आँगनवाड़ी तक पहुँचाने में वन विभाग मदद करेगा। चार विभाग के समन्वय से वन ग्रामों में कार्य किया जायेगा।
वनीकरण और वनोपज बढ़ाने में महिला-बाल विकास विभाग मदद करेगा
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि यह योजना अंतर्विभागीय सहयोग की सकारात्मक पहल है। इससे वन ग्रामों की समस्याओं का बेहतर तरीके से समाधान किया जा सकेगा। वनीकरण और वनोपज बढ़ाने में महिला-बाल विकास विभाग मदद करेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि दीपावली के अवसर पर वन विभाग वनवासियों को फलों और सब्जियों के पौधे देने की योजना बनाये। स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा कि कुपोषण को दूर करने और बेहतर स्वास्थ्य के लिये यह योजना महत्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दिया कि वन विभाग प्रत्येक स्कूल और आँगनवाड़ी को फल और सब्जी लगाने के लिये भूमि उपलब्ध करवाये। जिससे बच्चों को फल और ताजी सब्जी के रूप में पोषक आहार मिले। उन्होंने कहा कि खरगोन और बड़वानी जिले की तरह मैदानी अधिकारी-कर्मचारियों में समन्वय के लिये हर मंगलवार को ग्राम पंचायत में बैठक होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में योजना के ब्रोशर और वनरक्षकों के लिये स्वास्थ्य प्रशिक्षण माड्यूल का विमोचन किया। कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वन दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती गौरी सिंह, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास जे.एन.कंसोटिया, प्रमुख सचिव अनुसूचित जनजाति कल्याण अशोक शाह भी उपस्थित थे। स्वागत भाषण प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ.अनिमेष शुक्ला ने दिया। आभार प्रदर्शन प्रधान मुख्य वन संरक्षक शाहबाज अहमद ने किया। कार्यक्रम में वन, स्वास्थ्य, महिला-बाल विकास और शिक्षा विभाग के मैदानी अधिकारी उपस्थित थे।