कुटुंब न्यायालय में आपस में ही भिड गए वकील,हुई हाथापाई,अभिभाषक संघ नें की जांच शुरु
रतलाम,24 अगस्त(इ खबरटुडे)। जिला न्यायालय में कुटुंब न्यायालय के कक्ष में आज दोपहर प्रकरण के विचारण के दौरान दो वकील आपस में ही भिड लिए और हाथापाई शुरु हो गई। न्यायालय में मौजूद पुलिस कर्मी व अन्य लोगों ने बीच बचाव कर वकीलों को शांत किया। इस मामले में जिला अभिभाषक संघ ने जांच समिति गठित की है।
न्यायालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,कुटुंब न्यायालय में नेहा विरुध्द सूर्यदीप गर्ग के मामले की सुनवाई हो रही थी। इस प्रकरण में आवेदिका नेहा की ओर से दीपक तिवारी अभिभाषक उपस्थित थे,जबकि अनावेदक सूर्यदीप की ओर से अमित पांचाल और उनके सहयोगी संतोष बैरागी उपस्थित थे। विशेष न्यायाधीश लक्ष्मी शर्मा के समक्ष प्रकरण की सुनवाई चल रही थी। करीब पौने बारह बजे अचानक दोनों पक्षों के वकील आपस में विवाद करने लगे और हाथापाई पर उतर आए। दीपक तिवारी और संतोष कुमार बैरागी के बीच मारपीट होने लगी। न्यायालय कक्ष में मौजूद पुलिसकर्मी व अन्य कर्मचारियों ने बीच बचाव कर लडते अभिभाषकों को अलग किया। विशेष न्यायाधीश श्रीमती शर्मा ने दोनो ही पक्षों के अभिभाषकों को न्यायालय कक्ष से बाहर निकाल दिया और पूरे मामले को प्रोसिडिंग में भी अंकित कर लिया।
विवाद के बाद दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के विरुध्द लिखित शिकायतें प्रस्तुत की है। एडवोकेट दीपक तिवारी ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश,जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष और स्टेशन रोड थाना प्रभारी को अलग अलग शिकायती आवेदन प्रस्तुत किए है। अपनी शिकायत में दीपक तिवारी ने एडवोकेट अमित पांचाल व उनके जूनियर संतोष कुमार बैरागी पर आरोप लगाया है कि उन दोनों ने उनके साथ न्यायालय कक्ष में मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। इसी तरह एडवोकेट संतोष कुमार बैरागी ने दीपक तिवारी के विरुध्द लिखित शिकायत प्रस्तुत कर कहा है कि दीपक तिवारी ने गला पकड कर दीवार में घुसेड दिया। गाल पर चांटा मारा और पेट में लात मारी। दीपक तिवारी ने यह धमकी भी दी कि आपराधिक प्रवृत्ति के अनेक लोग उसके पक्षकार है। वह संतोष कुमार बैरागी को जान से खत्म करवा देगा।
दोनों ही पक्षों के शिकायती आवेदन प्राप्त होने पर जिला अभिभाषक संघ ने अभिभाषकों की तीन सदस्यीय जांच समिति बनाकर सात दिवस के भीतर जांच करने के निर्देश दिए है।