किसानों के हित में संसद का विशेष सत्र बुलाएं
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने कहा
रतलाम,9 अगस्त(इ खबरटुडे)। भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर ने यहां कहा कि देश में किसानों और खेती की दुर्दशा को दूर कर कृषि क्षेत्र की स्थिति सुधारने के उपायों पर चर्चा करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए,जिसमें देश की तमाम राजनीतिक पार्टियां और सांसद अपने राजनीतिक मतभेद भुलाकर देश के किसानों व खेती की समृध्दि के लिए रोडमैप तैयार करें। भारतीय किसान संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने इस आशय का प्रस्ताव पारित कर सरकार पर दबाव बनाने के लिए पूरा चरणबध्द कार्यक्रम तैयार किया है।
इस संवाददाता से चर्चा करते हुए श्री केलकर ने बताया कि भारत की आजादी के समय देश में अनाज का उत्पादन ५ करोड टन था और देश के जीडीपी में किसानों का योगदान तीस प्रतिशत था। इसी तरह निर्यात में किसानों का योगदान १९ प्रतिशत था। उस समय किसान आत्महत्या नहीं करते थे। आजादी के बाद से देश की सरकारों ने कृषि क्षेत्र के लिए कई योजनाएं लागू की। इसके चलते वर्तमान समय में किसान २९ करोड टन अनाज पैदा कर रहे है,लेकिन जीडीपी में किसानों का योगदान मात्र १३ प्रतिशत और निर्यात में मात्र दो प्रतिशत रह गया है। देश के साढे तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके है। सत्तर प्रतिशत किसान साहूकारों के कर्जदार है। आंकडे बताते है कि किसानों और कृषि के लिए बनाई गई योजनाओं में कहीं न कहीं कोई कमी रह गई या कृषि क्षेत्र के विकास के लिए चुनी गई दिशा ही गलत रही। किसानों की हालत सुधारने के लिए भिन्न भिन्न दिशाओं में अनेक प्रकार के प्रयत्न भी किए गए,लेकिन फिर भी स्थिति नहीं सुधर पाई।
श्री केलकर ने कहा कि किसानों और कृषि की वर्तमान माली हालत अत्यन्त चिन्ताजनक है,लेकिन इसे सुधारने के लिए संपूर्णता से विचार नहीं किया जा रहा है। किसानो की स्थिति सुधारने के लिए आवश्यक है कि कृषि क्षेत्र पर संपूर्णता से विचार कर रोडमैप बनाया जाए।
श्री केलकर ने बताया कि भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक विगत दिनों विजयवाडा(आंध्रप्रदेश) के नुटक्की में संपन्न हुई। इस बैठक के दौरान किसान संघ ने इस आशय का प्रस्ताव पारित किया कि किसानों व कृषि की स्थिति पर संपूर्णता से विचार करने के लिए देश की सर्वोच्च निर्णयकारी संस्था संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए,जिसमें देश के तमाम नेता व राजनीतिक पार्टियां अपने तमाम मतभेद भुलाकर किसानों की समृध्दि के उपायों पर चर्चा कर रोडमैप तैयार करें।
श्री केलकर ने बताया कि देश की सरकार पर संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए दबाव बनाने हेतु भारतीय किसान संघ ने चरणबध्द कार्यक्रम तैयार किया है। किसान संघ के कार्यकर्ता आगामी सितम्बर माह में प्रत्येक गांव में ग्रामसभाएं करते हुए अक्टूबर माह में अपने अपने क्षेत्र के सांसदों से मिलकर उनसे इस विषय पर चर्चा करेंगे और उनसे निवेदन करेंगे कि इस विषय पर संसद का विशेष सत्र बुलाने का प्रयास करेंगे। श्री केलकर ने बताया कि किसानों में जनजागृति के लिए देश के पांच सौ जिलों के गांवों में ग्रामसभाएं आयोजित की जाएगी और इन सभाओं में प्रस्ताव पारित कर हर एक जिले से हजारों की संख्या में किसान भाई बहनों के हस्ताक्षर इस प्रस्ताव पर कराए जाएंगे। इन पांच सौ जिलों के लाखों किसानों के हस्ताक्षर से युक्त ज्ञापनों को लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन को सौंपा जाएगा और उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे किसानों के हित में संसद का विशेष सत्र बुलाने का प्रयास करें। श्री केलकर ने बताया कि यदि लोकसभा अध्यक्ष और सांसदों ने किसानों के इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया तो भारतीय किसान संघ न्यायालय में हस्ताक्षर युक्त जनहित याचिका करने में भी पीछे नहीं रहेगा। भारतीय किसान संघ की मांग है कि लोकसभा और केन्द्र सरकार किसान संघ के प्रस्ताव के आधार पर लोकसभा का विशेष सत्र बुलाए।