December 27, 2024

कावेरी विवाद: पीएम मोदी की लोगों से अपील, ‘हिंसा से नहीं बातचीत से निकालें हल’

modi-2

नई दिल्ली 13 सितम्बर(इ खबरटुडे)।कावेरी के पानी को लेकर मचे बवाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की है कि इस मामले का हल हिंसा की बजाय आपसी बातचीत से निकालें.

कावेरी विवाद पर क्या बोले पीएम मोदी ?

‘’मेरे प्यारे भाइयों और बहनों,

कावेरी पानी के बंटवारे पर जिस तरह के हालात कर्नाटक-तमिलनाडु में बने हैं, वो बहुत दुखद हैं. मुझे व्यक्तिगत पीड़ा है. किसी भी समस्या का हल हिंसा के द्वारा नहीं निकाला जा सकता. लोकतंत्र में समाधान संयम और आपसी बातचीत से ही निकलता है.

इस विवाद का हल कानून की परिधि में ही संभव है. कानून तोड़ना विकल्प नहीं है. पिछले दो दिन से जिस तरह की हिंसा और आगजनी हो रही है उसमें नुकसान किसी गरीब का ही हो रहा है, हमारे देश की ही संपत्ति का हो रहा है.

देश के सामने आई विपरीत परिस्थितियों में, पूरे देश के लोगों की तरह, कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों ने हमेशा पूरी संवेदनशीलता का परिचय दिया है. मेरी कर्नाटक और तमिलनाडु की जनता से अपील है कि संवेदनशीलता दिखाने के साथ ही अपने नागरिक कर्तव्यों को भी याद रखें.

मुझे भरोसा है कि आप राष्ट्रहित और राष्ट्रनिर्माण को सर्वोपरि समझेंगे और हिंसा, तोड़फोड़-आगजनी के बजाय संयम, सद्भावना और समाधान को प्राथमिकता देंगे.’’

हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत

इसी हिंसा में कल कर्नाटक में पुलिस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हुआ. पुलिस ने उस समय गोली चलाई जब भीड़ ने राजागोपाल नगर थाना क्षेत्र के हेग्गनहल्ली में एक गश्ती वाहन पर हमले का प्रयास किया. गुस्साई भीड़ ने तमिलनाडु के पंजीकरण वाली बसों और ट्रकों में आग लगा दी. स्थिति को देखते हुए 16 जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है.

पूरा विवाद सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद हुआ है जिसमें कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को देने का फैसला सुनाया गया है.

दस दिन यानी 15 सितंबर तक कर्नाटक हर रोज 15 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने को कहा था. लेकिन कर्नाटक राजी नहीं हुआ. माहौल को देखते हुए कोर्ट ने कल फैसले में संशोधन किया और 15 हजार क्यूसेक को 12 हजार करने का आदेश दिया. लेकिन तारीख 20 सितंबर कर दी. इस हिसाब से पहले डेढ लाख क्यूसेक देना था जो अब एक लाख 80 हजार क्यूसेक से ज्यादा हो गया है.

लेकिन कर्नाटक का गुस्सा देखकर पानी का ये बंटवारा अब भी आसान नहीं दिख रहा. तमिलनाडु सरकार 1924 के समझौते का हवाला देकर पानी मांगती है. तब अंग्रेजों का राज था जबकि कर्नाटक सरकार कम बारिश का हवाला देकर अपना पानी देने के पक्ष में नहीं है. कावेरी नदी तमिलनाडु और कर्नाटक के अलावा केरल और पुदुच्चेरी में भी बहती है.

1976 में पानी को लेकर चारों राज्यों में समझौता हुआ था. विवाद सुलझाने के लिए 1986 में एक ट्रिब्यूनल का गठन भी हुआ. इसके बाद पीएम ने कावेरी नदी प्राधिकरण का भी गठन किया लेकिन पानी का ये झग़ड़ा जारी रहा.

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds