एक संक्रमित के मिलने से कई लोगों पर मण्डराया कोरोना का संकट , प्रसिद्ध दवा उद्योग के कर्मचारियों पर भी छाया खतरा
रतलाम,12 मई (इ खबरटुडे)। ओरेंज से ग्रीन झोन बनने की तरफ बढते रतलाम में मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित के मिलने से कई लोगों पर कोरोना का खतरा मण्डराने लगा है। यहां तक कि शहर के प्रसिद्ध दवा उद्योग के कर्मचारियों पर भी खतरा छा गया है। कोरोना संक्रमित की पुत्री दवा उद्योग में कार्यरत है।
सोमवार को ही मेडीकल कालेज से छ: कोरोना संक्रमितों की छुट्टी की गई थी और यह माना जा रहा था कि ओरेंज झोन में शामिल रतलाम जल्दी ही ग्रीन झोन में आ जाएगा। शहर के कुल छ: कन्टेनमेन्ट इलाकों में से तीन इलाकें भी कन्टेनमेन्ट से मुक्त हो चुके थे,लेकिन मंगलवार को एक कोरोना संक्रमित के सामने आने से सबकुछ गडबडा गया। शहर में एक कन्टेनमेन्ट एरिया और बढ गया।
जिला प्रशासन द्वारा कोरोना पाजिटिव पाए गए व्यक्तियों के नाम उजागर नहीं किए जा रहे है,लेकिन सूत्रों के हवाले से जो सूचनाएं सामने आ रही है,वे बेहद डरावनी है। अब तक सामने आई जानकारियों के मुताबिक सिद्धाचलम कालोनी की रहवासी जिस महिला को कोरोना संक्रमित पाया गया है,वह कुछ दिन पूर्व ही इ पास के जरिये बाहर से रतलाम आई थी। जानकारी यह भी मिल रही है कि उक्त महिला का ब्लड सैम्पल चार पांच दिन पहले लिया गया था,जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को मिली है। इसका सीधा सा अर्थ यह है कि उक्त कोरोना संक्रमित महिला इतने दिनों में अन्य कई लोगों के सम्पर्क में आई होगी। अब वे सभी लोग कोरोना के खतरे में आ गए है।
दवा उद्योग पर भी खतरा
इससे भी डरावनी बात यह है कि कोरोना संक्रमित महिला की पुत्री शहर के प्रसिद्ध दवा उद्योग की कर्मचारी है। वह नियमित रुप से दवा उद्योग में जाती रही है। बताया जाता है कि उक्त युवती उद्योग के वाहन से प्रतिदिन कार्यस्थल पर जा रही थी और इस वाहन में कई अन्य कर्मचारी भी उसके साथ जाते थे। इस जानकारी के सामने आने के बाद से दवा उद्योग में भी हडकम्प मचा हुआ है। उक्त उद्योग में पहले भी एक कर्मचारी को क्वारन्टीन किया जा चुका है। इस घटना के सामने आने के बाद उद्योग के करीब दो दर्जन कर्मचारियों को एक होटल में क्वारन्टीन किया गया है।
हांलाकि इन सारी सूचनाओं की अधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है।
आमतौर पर किसी व्यक्ति में कोरोना संक्रमण पाए जाने के बाद उसके सम्पर्क में आए प्रत्येक व्यक्ति की खोज की जाती है और उन्हे क्वारन्टीन किया जाता है,लेकिन इस मामले में दवा उद्योग के जुड जाने से खतरे की जद में आने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक बढ जाने की आशंका है।