इप्का के उत्पादों पर अमेरिका में प्रतिबन्ध
निरीक्षण के दौरान कई गडबडियां पाई गई थी रतलाम प्लान्ट में,शेयरों में भी भारी गिरावट
रतलाम,26 जुलाई (इ खबरटुडे)। प्रख्यात दवा निर्माता कंपनी इप्का को अपनी उत्पादन प्रक्रिया में लगातार की जा रही अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन का खामियाजा अमेरिका में प्रतिबन्ध के रुप में भुगतना पडा है। अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इप्का के उत्पादों को अमेरिका में प्रतिबन्धित कर दिया है। अमेरिका में हुई इस कार्यवाही के चलते इप्का के शेयरों में भी भारी गिरावट आ गई है।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा उन सभी उद्योगों का नियमित रुप से निरीक्षण किया जाता है,जहां से अमेरिका में दवाईयां आयात की जाती है। यूएसएफडीए के निरीक्षण के दौरान इप्का के रतलाम प्लान्ट में कई खामियां व अनियमितताएं पाई गई थी। इन अनियमितताओं के चलते यूएसएफडीए ने इप्का के लिए फार्म 483 जारी कर दिया था। इसका तात्पर्य यह है कि इप्का के उत्पादों को अन्तर्राष्ट्रिय मानकों के अनुरुप नहीं पाया गया और फर्म को अमेरिका के फूड एण्ड कास्मेटिक्स एक्ट व अन्य अधिनियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। यूएसएफडीए द्वारा इप्का को फार्म 483 जारी किए जाने के बाद इप्का के उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है।
अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा किसी फर्म को फार्म 483 तब जारी किया जाता है,जब विभाग के निरीक्षण के दौरान उत्पादन संयत्र की उत्पादन प्रक्रिया दोषपूर्ण पाई जाती है। दोषपूर्ण उत्पादन प्रक्रिया के कारण ऐसे संयत्र में उत्पादित दवाईयां मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है।
अमेरिका में इप्का की दवाईयों पर प्रतिबन्ध का असर इप्का की वित्तीय स्थिति पर भी पडने लगा है। प्रतिबन्ध की जानकारी बाहर आते ही इप्का के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इसके शेयर के दामों में 13 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। शेयर के दामों में भारी गिरावट के चलते कंपनी का बाजार मूल्य भी 9180.77 करोड से गिरकर मात्र 1381.23 करोड रु. अंाका गया है।
उल्लेखनीय है कि इप्का उद्योग में जहां कंपनी के कर्मचारियों के लिए वेतन व सुविधाओं का जबर्दस्त अभाव है वहीं इप्का द्वारा अपने संयत्र में सुरक्षा प्रबन्धों की जमकर अनदेखी की जाती रही है। इप्का प्रबन्धन की रणनीति यह थी कि जब भी यूएसएफडीए अथवा किसी अन्य विदेशी संस्था का निरीक्षण होता था,उस समय फैक्ट्री को पूरी तरह चमका कर नए परिवेश में प्रस्तुत कर दिया जाता था। निरीक्षणकर्ताओं की मौजूदगी के दौरान सभी मानक अन्तर्राष्ट्रिय स्तर के प्रदर्शित किए जाते थे,लेकिन निरीक्षणकर्ताओं के जाते ही सबकुछ पुराने ढर्रे पर लौट आता था। अब तक तो सबकुछ व्यवस्थित चलता रहा था परन्तु विगत दिनों यूएसएफडीए की विजिट के दौरान ही सुरक्षा प्रबन्धों की खामी के चलते एक लिफ्ट टूट गई और इस लिफ्ट से खतरनाक रसायन लेकर जा रहे तीन कर्मचारी झुलस गए। संभवत: यही घटना इप्का के लिए खतरनाक साबित हुई और यूएसएफडीआई ने इप्का के उत्पादों को प्रतिबन्धित कर दिया।
इस सम्बन्ध में जब इप्का के अधिकारियों से सम्पर्क के प्रयास किए गए,कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उपलब्ध नहीं हो रहा था। इ खबरटुडे ने इप्का के उपाध्यक्ष दिनेश सियाल से मोबाइल पर सम्पर्क करने के कई प्रयास किए किन्तु इसमें सपलता नहीं मिल पाई।