आरएसएस का विशेष शिविर प्रारंभ
समाज जागरण के विभिन्न विषयों पर होगी चर्चा
रतलाम,10 जनवरी(इ खबरटुडे)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उज्जैन विभाग का शीतकालीन विशेष शिविर काटजू नगर स्थित सरस्वती शिशु मन्दिर में प्रारंभ हुआ। तीन दिवसीय शिविर में समाज जागरण के विभिन्न विषयों पर चर्चा,चिन्तन और समाधान में समाजजनों की भूमिका पर वरिष्ठ संघ अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त होगा।
विशेष शिविर का उद्घाटन मालवा प्रान्त के प्रान्त प्रचारक पराग अभ्यंकर ने भारत माता के चित्र पर दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर राष्ठ्रीय दलित महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप करोसिया शिविर अधिकारी के रुप में उपस्थित थे।
उद्धाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रान्त प्रचारक पराग अभ्यंकर ने सामाजिक समरसता स्थापित करने में संघ के अथक प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि जब तक समाज नहीं बदलता तब तक निराशा के वातावरण को नहीं बदला जा सकता। इसी मर्म को समझकर डॉ हेडगेवार ने हिन्दू समाज की दुर्बल मानसिकता को बदलने का दृढ संकल्प लिया और सन 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। संघ की स्थापना किसी प्रतिक्रियावाद के फलस्वरुप नहीं हुई,बल्कि एक स्वाभिमानी राष्ट्र के निर्माण के लिए देशभक्त और राष्ट्रनिष्ठ समाज के निर्माण के लिए कार्य करने के लिए हुई है। स्वयंसेवकों के द्वारा किए गए त्याग एवं समर्पित भाव से हिन्दुओं को संगठित करने के लिए किए गए प्रयासों का प्रतिफल आज दिखने लगा है। सन 1925 की स्थिति और आज की वर्तमान स्थिति का हम आकलन करें तो विदित होगा कि हिंदू समाज अपनी दुर्बलताओं पर विजय प्राप्त कर संगठित हो रहा है। शिविर में उपस्थित सैकडों स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए पराग जी ने कहा कि जब भी जहां भी स्वयंसेवक एकत्रित होंगे तो चर्चा का एकमात्र विषय राष्ट्र का हित एवं उत्थान कैसे हो? यही होगा। इसलिए संघ को समझना है तो संघ के भीतर आकर ही समझा जा सकता है।
विशेष शिविर के प्रारंभ में शिविर अधिकारी प्रदीप करोसिया ने मुख्यवक्ता पराग जी अभ्यंकर का परिचय कराया। शिविर में शिविरार्थी स्वयंसेवकों समेत प्रान्त और विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।