आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपनी भूमिका का निर्वाह करेंगी
रतलाम,13 जून(इ खबरटुडे)। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में प्रदेश के स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं वृहद रूप से अपनी भूमिका का निर्वाह करेंगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने शनिवार को वीसी के माध्यम से प्रदेश के समूहों की महिलाओं से चर्चा की।
इस दौरान रतलाम एनआईसी कक्ष में सीईओ जिला पंचायत संदीप केरकेट्टा और जिले के स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाएं जैसे करमदी तुलसी आजीविका स्वयं सहायता समूह की सुशीला मकवाना, लीला ईश्वर, रामदास, आजीविका स्वयं सहायता समूह की लक्ष्मी कलागोटा, हतनारा के श्रीकृष्णा, जीविका स्वयं सहायता समूह की हेमलता, आंबा के मां आशापुरा स्वयं सहायता समूह की अंगूरबाला, शिवगढ़ के राधाकृष्ण स्वयं सहायता समूह की सलमा, दशामाता स्वयं सहायता समूह की निर्मला, गुलबालोद के राधा स्वयं सहायता समूह की राधाबाई, भोजाखेड़ी के स्वयं सहायता समूह की कविता तथा अन्य महिलाएं उपस्थित थी।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ओबीसी में कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अपने परिश्रम से मध्यप्रदेश को बदलने और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। इसके लिए महिलाएं अपने समूह में बैठकर विचार करें और सोचे कि वह क्या कार्य कर सकती हैं। अपने आसपास की जरूरत की चीजें निर्मित कर सकती हैं। यह महिलाएं साबुन, तेल, सैनिटाइजर, मास्क, अगरबत्ती, टूथपेस्ट, पापड़, बड़ी, आयुर्वेदिक काढ़ा, सौंदर्य प्रसाधन जैसी कोई भी वस्तु बनाने के कार्य में जुट जाएं। राज्य शासन उनको भी सहयोग बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराएगा, बैंक लिंकेज कराएगा। मार्केटिंग और ब्रांडिंग में सहयोग करेगा। महिला समूहों को विशेषज्ञों का मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाएगा। बिक्री में सहयोग कराया जाएगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने वीसी में मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों को ठोस कार्य योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन का लक्ष्य स्वयं सहायता समूह को सशक्त बनाना है। सशक्त समूह से हमारी बहनें सशक्त बनेंगी और सशक्त बहनों से समाज सशक्त बनेगा। इसके लिए राज्य शासन ने ठोस पहल की है। अब प्रदेश में 700 करोड रुपए के टेक होम राशन बनाने का कार्य महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। पहले यह कार्य ठेकेदार करते थे लेकिन अब हमारे समूहों की बहने यह कार्य करेंगी और निश्चित रूप से वे बहुत अच्छा कार्य करेंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि टेक होम राशन निर्माण के लिए प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह के संघों की पांच फैक्ट्रियां तैयार हैं, साथ ही दो और फैक्ट्रियां तैयार हो रही है।
आंगनवाड़ी में टेक होम राशन के सप्लाई का काम भी स्वयं सहायता समूह के द्वारा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्कूल यूनिफार्म बनाने का कार्य भी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जाएगा। यह कार्य 400 करोड रुपए का होगा। मनरेगा योजना में नर्सरी, गौशाला, वृक्षारोपण, पशु शेड आदि 252 करोड रुपए के कार्य समूह की महिलाएं करेंगी। आदिवासी कल्याण विभाग ने भी स्वयं सहायता समूहों के लिए 65 करोड रुपए की योजना स्वीकृत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्वयं सहायता समूह की महिलाएं 90 हजार पीपीई किट मध्यप्रदेश पुलिस के लिए तैयार करेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं का बड़ा योगदान सामने आया है। प्रदेश में लगभग एक करोड़ मास्क समूह की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए हैं। कोरोना से बचाव के लिए मुख्यमंत्री द्वारा समूह की महिलाओं से आह्वान किया गया कि वे इस संबंध में जागरूकता का प्रसार करें। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में बचाव हेतु नियमों के पालन हेतु जागरूकता फैलाएं, मास्क बनाने का कार्य निरंतर करती रहे।