आकाश गूंज उठे गणपति बप्पा मोरिया से चहुँ दिशाएं,श्री गणेश मय हुई नगरी
रतलाम,22 सितम्बर(ई खबर टुडे)।रतलाम नगर की सीमा से सटे एक अति प्राचीन मंदिर के गर्भगृह से आती हुई पुराने कांस्य व अन्य धातुओं के मिश्रण से निर्मित विशाल घंटे की सप्तधुन तरंगित गूंज ने कोस भर दूर से ही आध्यात्म और भक्तिमय भावरंजन का आव्हान कर दिया । निकट आते आते पुष्पों की सुगंध और धूप,केशर इत्यादि सात्विक द्रव्यों की महक ने मन को देवोमय कर दिया ।
उकाला रोड स्थित श्री गणेश के भव्य स्वर्णमय स्वरूप में महानायक श्री गणेश स्वर्ण आभा में जग मगाये . प्रभु के चकाचौंध कर देने वाले रूप से किसी की भी नजरें ठहर नहीं रहीं थीं, युवा साथी संजय कसेरा (मारवाड़ी) व अन्य साथियों ने पूरे मंदिर के प्रत्येक मूर्ति के व्याख्या सहित इत्मीनान पूर्वक दर्शन किये । कुछ देर में प्रारम्भ हुई स्वर्णजटित प्रभु श्री महागणेश जी की महाआरती ढोल, नगाड़ों, घंटों और मंजीरों की संयुक्त संगीतमय ध्वनि से धरती और आकाश गूंज उठे ,गणपति बप्पा मोरिया से चहुँ दिशाएं श्री गणेश मय हो गईं ।आरती के पश्चात प्रसाद वितरण प्रारम्भ हुआ ।
रतलाम समाज जनों ने मा.रा.उपा.गुलाबचन्द कसेरा का भावभीना स्वागत गुलाब की मालाओं के साथ साफ़ा बांधकर किया । राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि गणेश जी माता पिता की प्रदक्षिणा का फल पृथिवी की प्रदक्षिणा के बराबर होता है , इस कथा के माध्यम से माता पिता के महत्व और प्रभु भक्ति का संदेश भी सभी को दे दिया ।
कार्यक्रम में रतलाम कसेरा तागल साथ समाज के अध्यक्ष घनश्याम कसेरा, कोषाध्यक्ष जीतमल कसेरा,भेरूलाल कसेरा, अशोक कसेरा, मदनलाल कसेरा (उस्ताद), महेंद्र कसेरा, बद्रीलाल कसेरा, शैतानमल कसेरा, मदनलाल बुध , संजय कसेरा(मारवाड़ी) , समस्त रतलाम तागल कसेरा समाजजन सहित भक्तगण भी मौजूद थे । कार्यक्रम को भव्यता प्रदान करने में युवा साथी संजय मारवाड़ी का विशेष समर्पण व सहयोग रहा । संजय मारवाड़ी के आभार प्रदर्शन के पश्चात समाज के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा.है.