अब पार्षद चुनेंगे महापौर, कमलनाथ कैबिनेट ने नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव की दी मंजूरी
भोपाल,25 सितंबर (इ खबरटुडे)। 2020 में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में बड़ा बदलाव हुआ है। अब महापौर का चुनाव सीधे न होकर, चुने गए पार्षदों के जरिए होगा। कमलनाथ कैबिनेट ने नगर निगम और नगर पालिका संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके बाद अब जनता सीधे महापौर को नहीं चुनेगी। इससे पहले तक जनता सीधे महापौर को चुनती थी। लेकिन इस फैसले के बाद अप्रत्यक्ष तरीके से महापौर और नगर निगम के सभापति का चुनाव होगा।वहीं परिसीमन का काम भी चुनाव से दो महीने पहले पूरा हो जाएगा। इसके अलावा अगर कोई शख्स पार्षद का चुनाव लड़ रहा है तो अब उसे राज्य निर्वाचन आयोग से जानकारी छुपानी महंगा पड़ेगी। इसके तहत 6 महीने की सजा और 25 हजार का जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
कमलनाथ सरकार के नगरीय निकाय एक्ट में बदलाव के फैसले का विरोध भी शुरू हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम इसका विरोध करते हैं। कांग्रेस को हार का डर सता रहा है। इसलिए उन्होंने महापौर के सीधे चुनाव को खत्म कर दिया है। कांग्रेस इसके जरिए जोड़-तोड़ और खरीद-फरोख्त की राजनीति को बढ़ावा दे रही है।
जानिए अन्य बड़े फैसले
-मध्य प्रदेश पावर जेनरेटिंग कंपनी के 650 पदों को समाप्त करने का फैसला
– इंदौर-महू-मनमाड़ रेल लाइन बिछाने के लिए अब सरकार भी अंशदान देगी।
-उद्योगों को सस्ती बिजली देने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट की हरी झंडी मिल गई है।
-पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के लिए 90 एमएलडी जल प्रदाय योजना को स्वीकृति
-औद्योगिक क्षेत्र में रूफटॉप पावर सोलर प्लांट के प्रोजेक्ट को मंजूरी
-उद्योगों को मिलेगी सस्ती बिजली मंडीदीप से शुरू होगा प्रोजेक्ट