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Damoh News: जिले की मिट्टी में नाइट्रोजन, पोटेशियम व आयरन की मात्रा हो रही कम

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार अहिरवार ने बताया कि अधिक पैदावार लेने की होड़ में फसलों में हर साल रासायनिक खाद की मात्रा बढ़ाई जा रही है। जिसके चलते मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्व की मात्रा कम एवं बढ़ रही है। दूसरी ओर अधिक मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग मानव शरीर के लिए भी कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए किसानों को चाहिए कि धीरे-धीरे रासायनिक खाद की जगह फसलों में जैविक खाद का उपयोग करें।
 

Damoh News: अच्छी फसल के लिए मिट्टी में 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिसमें मुख्य रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं पोटाश को पौधों के लिए अति जरूरी माना है। इसके अलावा सूक्ष्म तत्व आयरन, जिंक, कॉपर मैगनीज की मात्रा भी पौधों के लिए आवश्यक होती है। इसका पता लगाने मिट्टी का परीक्षण कराया जाता है। आगामी खरीफ सीजन के पहले जिले में मिट्टी परीक्षण का काम जोरों पर चल रहा है।

वर्ष 2024-25 के लिए 28439 मिट्टी सैंपल के परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसमें से अब तक 22400 सैंपलों की जांच पूर्ण हो गई है। शेष 6039 सैंपलों की जांच के लिए अब विभाग के पास केवल 15 जून तक का समय शेष है। इसके बाद बारिश होते ही बोवनी का काम चालू हो जाएगा।

वर्तमान में केवल जिला मुख्यालय पर ही मिट्टी परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। यहीं पर पूरे जिले के सैंपलों को लेकर जांच की जाती है। हालांकि हालही में हटा एवं पटेरा में प्रयोगशाला चालू हो गई हैं। जहां पर निजी कर्मचारियों के माध्यम से सैंपल की जांच शुरू कर दी है। किसान सैंपल लेकर जा रहे हैं। 

रासायनिक खाद के उपयोग से घटी उर्वरता

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार अहिरवार ने बताया कि अधिक पैदावार लेने की होड़ में फसलों में हर साल रासायनिक खाद की मात्रा बढ़ाई जा रही है। जिसके चलते मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्व की मात्रा कम एवं बढ़ रही है। दूसरी ओर अधिक मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग मानव शरीर के लिए भी कई गंभीर बीमारियों को जन्म देता है। इसलिए किसानों को चाहिए कि धीरे-धीरे रासायनिक खाद की जगह फसलों में जैविक खाद का उपयोग करें।

नाइट्रोजन व पोटेशियम की कममात्रा मिली

ग्राम रनेह के किसान रेवाराम अहिरवार के खेत की मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार नाइट्रोजन की मात्रा 220.30 प्रति हेक्टेयर पाई गई है। जबकि सामान्य मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा 280 से 560 होना चाहिए। इसी तरह पोटेशियम की मात्रा भी 106.70 केजी पाई गई है, जबकि इसे सामान्य रूप से इसे 120 से 180 होना चाहिए।

ग्राम खमरिया के किसान जगमोहन अहिरवार के खेत के मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार नाइट्रोजन की मात्रा 128.25 केजी प्रति हेक्टेयर पाई गई है। जो सामान्य से 152 कम है। इसी तरह फास्फोरसकी मात्रा भी 7.20 हेक्टेयर, जबकि इसे 10 से 20 होना चाहिए। सल्फर व आयरन की मात्रा भी सामान्य से कम पाई गई है।

ग्राम हरदुआ हाथीघाट के किसान तरवर सिंह के खेत की मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के अनुसार आयरन की मात्रा कम पाई गई है। जबकि पोटेशियम, कार्बनिक कार्बन, बोरान, कॉपर, फास्फोरस, मैगजीन, नाइट्रोजन की मात्रा तय मानक के अनुसार पाई है।