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हरियाणा के 15 जिलों में हुई बारिश, मंडियों में रखा सरसों व गेहूं भीगा, ओलों से फसलों को नुकसान

हरियाणा के 15 जिलों में हुई बारिश, मंडियों में रखा सरसों व गेहूं भीगा, ओलों से फसलों को नुकसान
 

 हरियाणा के 15 जिलों में गुरुवार शाम को हुई बारिश के कारण मंडियों में रखा गेहूं भीग गया और किसानों को भी नुकसान हुआ है। अभी तक गेहूं की फसल पूरी तरह से सूख नहीं रही है, जिस कारण मंडियों में उनकी खरीद नहीं हो रही। मंडियों में पड़ी लाखाें ​क्विंटल गेहूं इस बारिश के कारण भीग गई। बारिश होने से हालांकि तापमान में कुछ गिरावट दर्ज की गई। तापमान में आई दो डिग्री की गिरावट से लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिली। वहीं हिसार का तापमान प्रदेश में सबसे अ​धिक 42.8 डिग्री से​ल्सियस रहा। 
हरियाणा के पानीपत, नूंह, पंचकूला, कुरक्षेत्र, फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोनीपत, करनाल, जींद, भिवानी, कैथल, पलवल, चरखी दादरी, सिरसा और फतेहाबाद के रतिया व भूना में वीरवार शाम को बारिश हुई। इसके अलावा रतिया, नरवाना व गुहला चीका में कुछ देर ओलावृ​ष्टि भी हुई। प्रदेश में नारनौल में सबसे अ​धिक 14.5 एमएम बारिश दर्ज की गई। ओलावृ​ष्टि के कारण फसलों को भी नुकसान हुआ है। 


उठान नहीं होने से भीगा गेहूं
वीरवार शाम को हुई बारिश के कारण मंडियों में रखा गेहूं भीग गया। इस गेहूं का अभी तक उठान नहीं हुआ था। खासकर सोनीपत, चरखी दादरी के बाढ़डा, करनाल, कैथल और समालखा की अनाजमंडियों में काफी गेहूं भीग गया। गेहूं भीगने का कारण समय पर इसका मंडियों से उठान नहीं होना है। फिलहाल प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक काफी कम है। अनाजमंडियों में अभी तक 9 लाख मीट्रिक टन गेहूं पहुंच चुका है। मंडियों में जो शेड बने हैं, उनकी संख्या कम होने के कारण सारा गेहूं शेड के नीचे नहीं आ सकता। यदि समय पर गेहूं का उठान होता रहे तो शेड के नीचे गेहूं डालने के लिए जगह बनाई जा सकती है। 


सोनीपत में भीगे 1.38 लाख गेहूं के बैग
यदि प्रदेशभर की अनाजमंडियों में रोहतक अनाजमंडी की बात करें तो यहां पर अभी तक 35 हजार 63 ​क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है। इसमें से केवल अभी तक 4 हजार ​क्विंटल गेहूं का ही उठान हुआ है, बाकी गेहूं बारिश में भीग गया। सोनीपत की अनाजमंडियों में 1.38 लाख गेहूं से भरे बैग भीग गए। गोहाना व झज्जर की बात करें तो गोहाना में 2 लाख ​क्विंटल व झज्जर में 80 प्रतिशत गेहूं खुले में पड़ा है। झज्जर में सरसों की आवक ज्यादा है, इसलिए 20 प्रतिशत सरसों भी खुले में पड़े होने के कारण भीग गई। 


12 अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील
मौसम विभाग के अनुसार अभी भी मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा। 11 व 12 अप्रैल के लिए भी मौसम विभाग ने तेज आंधी, बारिश व ओलावृ​ष्टि के अलर्ट जारी किया हुआ है। हिसार, रोहतक, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, झज्जर में पूरा दिन बादल छाए रहे और तेज हवाएं चलती रही। मौसम वैज्ञानिक डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि प​श्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से कई जिलों में बारिश हुई है। इससे तापमान में दो डिग्री से​ल्सियस की गिरावट हुई है। इसके बावजूद हिसार में सबसे अ​धिक 42.2 डिग्री से​ल्सियस तापमान रहा। 


बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान
वीरवार शाम को हुई बारिश के कारण गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। कुछ स्थानों पर सरसों की फसल खेतों में पड़ी है, इससे सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ है। यदि और ज्यादा बारिश हुई तो गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान हो जाएगा। इस बारिश से स​ब्जियों की फसलों को भी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग की तरफ चेतावनी दी गई है कि 14 अप्रैल तक मौसम परिवर्तनशील रहेगा और 15 अप्रैल के बाद कुछ राहत मिलेगी। इसके बाद प्रदेश में लू चलने की संभावना है।