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मूंग की नई किस्म तैयार, 60 दिन में होगी तैयार, किसानों को बना देगी मालामाल

मूंग की नई किस्म तैयार, 60 दिन में होगी तैयार, किसानों को बना देगी मालामाल
 

मध्यप्रदेश के ग्वालियर की राजमाता कृषि विवि के वैज्ञानिक ने मूंग की नई किस्म तैयार की है। यह किस्म किसानों को मालामाल बना देगी। इसमें न कीट लगेगा, न फफूंद। इसे गर्मी और खरीफ दोनों सीजन में बो सकते हैं।  हेक्टेयर 9 से 10 क्विंटल मूंग निकलेगी। किसानों को मूंग का नया बीज 2026 में मिल सकता है। 

कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने मूंग की नई वैरायटी आरवीएस-181 तैयार को तैयार की है। पहले न्यूक्लियर शीड तैयार किए जाएंगे। इसके बाद बीडर शीड से प्रोडक्शन शीड तैयार होंगे। प्रदेश की जलवायु के हिसाब से बीज अच्छा है। राजस्थान में भी इसे गर्मी व खरीफ में उगाया जा सकता है। गर्मी में कम पानी में कम समय में ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल होने से अब प्रदेश में बड़े हिस्से में इसकी खेती होने लगी है।

आरवीएस-181 वैरायटी मारुका विट्राटा और फ्यूजेरियम विल्ट रोग प्रतिरोधी है। मारुका कीट फलियां खा जाती है, जबकि फ्यूजेरियम विल्ट रोग से पौधे में फंगस लगता है, जिससे पत्तियों पर काले धब्बे पड़ते हैं। 

पीला मोजेक रोग भी कम असर करेगा। इसके दानों का रंग हरा और ज्यादा चमकीला है। इस वैरायटी को राज्य बीज उप समिति ने पास कर दिया। केंद्र के पास भेजा है। नोटिफिकेशन के बाद यह किसानों को बीज मिल सकेगा।

मध्य भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त वैरायटी है। 

 का दाना मीडियम है और चमक अधिक है। मप्र की चारों दिशाओं में खेती करके देखी गई। 60 से 65 दिन में तैयार हो जाती है। प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 10 क्विंटल आया है। कहीं-कहीं 15 क्विंटल तक पहुंचा है।