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उज्जैन झालावाड़ हाईवे पुनः बनने की तैयारी, उज्जैन-आगर रोड रहवासी चिंतित
 

उज्जैन-झालावाड़ा रोड का निर्माण दो वर्ष पहले ही हुआ था, जिसमें उज्जैन से घौंसला तक फोर लेन और आगे टू लेन रोड का निर्माण किया गया था, जिससे इस रोड का यातायात सुगम हो गया।

साथ ही गरोठ-उज्जैन रोड बनाया गया, जिससे उज्जैन और उज्जैन से होकर जाने वाले वाहन जो पहले सीधे झालावाड़, आगर होकर उज्जैन पहुंचते थे, वे गरोठ रोड शुरू होने के बाद ज्यादातर गरोठ हाईवे की ओर आते है, जिससे आगर-उज्जैन रोड का ट्रैफिक पहले के मुकाबले कम हो गया है

लेकिन सिंहस्थ 2028 के दबाव को ध्यान में रखते हुए उज्जैन-झालावाड़ रोड का पुनः निर्माण करना तय हुआ है। इसके टेंडर जारी हो चुके हैं। रोड पर होने वाले सर्वे और नपती की प्रक्रिया से रोड से लगे हुए रहवासियों एवं व्यापारियों की बेचैनी बढ़ गई है। क्योंकि एनएचएआई द्वारा की जा रही नपती जो सेंटर से 90 से 120 फीट हो रही है,

जिसमें इस रोड से लगे हुए कई घर और दुकानें पूरी तरह इसमें आने से समाप्त हो रहे हैं। इसमें कई मकान और दुकानें ऐसी भी हैं जो पिछले एक-दो वर्षों में बनी हैं। इससे कई लोगों को बेघर और बेरोजगार होने का डर सता रहा है। साथ ही यह असमंजस भी है कि किस-किस गांव में फ्लाय ओवर ब्रिज बनेगा।

सड़क से जुड़े ग्रामीणों में भय है कि गांव में अगर ब्रिज बनता है तो गांव की रौनक और व्यापारी पूरी तरह समाप्त हो जाएगा इससे ऐसे कई लोग जिन्होंने अपना आशियाना और व्यापार कर्ज लेकर खड़ा किया है, उन्हें भविष्य की चिंता सताने लगी है। इस रोड से प्रभावित होने वाले रहवासियों ओर दुकानदारों की प्रशासन से अपेक्षा है कि इस रोड को आवश्यकतानुसार एक-एक लेन और चौड़ा कर दिया जाए लेकिन ब्रिज बनाकर गांवों के आकर्षण और व्यापार को समाप्त नहीं किया जाए।