मनमहेश,चंद्रमौलेश्वर स्वरूप के साथ लोक नृत्य एवं पुलिस बैंड की विशेष प्रस्तुति का आकर्षण रहा
उज्जैन,21 जुलाई (इ खबर टुडे)। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण मास की दुसरी सवारी में हाथी पर मनमहेश एवं रजत पालकी में चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में भगवान के दर्शन श्रद्धालुओं ने किए। इस दौरान पुलिस बैंड के 300 कर्मियों के साथ ही अलग-अलग 8 लोकनृत्यों की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। आकर्षण सधी हुई प्रस्तुति और क्रीम वर्दी में पुलिस बैंड की छटा ही अलग नजर आ रही थी। उनके हाथों में चमचमाते वाद्य यंत्र भी आकर्षक लग रहे थे।
पुलिस बैंड के 300 कर्मी सवारी के एक दिन पूर्व ही उज्जैन आ गए थे। दूसरी सवारी में तीन सौ कलाकारों का पुलिस बैंड ने बाबा को सलामी दी। बैंड सवारी में आगे रहा। पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा है कि बाबा की सवारी को भव्य स्वरूप प्रदान किया जाए। उन्हीं के निर्देश पर गृह विभाग ने पुलिस बैंड के सभी कलाकारों को मुख्यालय में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया है। करीब एक सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद टीम रविवार रात को उज्जैन पहुंच गई थी। पुलिस बैंड कर्मियों के हाथों में क्लोरोनेट, सेक्सेफोन, पड़गम, ट्रपपिट, ट्राम्ब यूफोनियम, ढोल, झांझ, बेस और अन्य वाद्य यंत्र रहे। सधी हुई कदमताल के साथ भजनों एवं राष्ट्रीय गीतों पर इनकी प्रस्तुति ने मार्ग के दोनों और खडे श्रद्धालुओं को आकर्षित होने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान सवारी की छटा ही निराली बन पडी थी।
मुख्यमंत्री ने पूजन किया, सवारी में शामिल हुए
दुसरी सवारी के पूर्व सभा मंडप में मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव ने भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का पूजन अर्चन कर उन्हें पालकी में सवार किया। उनके साथ केबीनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, राजेन्द्र शुक्ल,प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल थे। इसके बाद सभी ने भगवान की पालकी को कांधा देते हुए नगर भ्रमण के लिए रवाना किया। सवारी में मुख्यमंत्री सहित मंत्रीगण पैदल चले और कभी डमरू तो कभी झांझ इन्होंने बजाए। शिप्रा तट रामघाट पर मुख्यमंत्री ने भगवान के जलाभिषेक के दौरान पूजन अर्चन किया ।
लोक नृत्यों की आकर्षक प्रस्तुति रही
दुसरी सवारी के दौरान 08 जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दलों ने सहभागिता की। मध्यप्रदेश के झाबुआ के भगोरिया नृत्य , महाराष्ट के नाशिक जनजातीय सौगी मुखोटा नृत्य , गुजरात जनजातीय राठ नृत्य , राजस्थान के गैर-घूमरा जनजातीय नृत्य ने सवारी में सम्मिलित होकर सम्पूर्ण सवारी मार्ग में अपनी प्रस्तुति दी,जिसे श्रद्धालुओं की खूब सराहना मिली। इनके अलावा उडीसा के लोकनृत्य शंख ध्वनि व छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य लोकपंथी की प्रस्तुति के सवारी के रामघाट पहुंचने पर प्रस्तुति दी गई। हरियाणा के लोकनृत्य हरियाणवी घुमर और मध्यप्रदेश छतरपुर के बरेदी लोकनृत्य की प्रस्तुति क्षिप्रा तट दत्तअखाड़ा क्षेत्र पर दी गई।
शहर में बच्चे निकले पालकी लेकर
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी के आयोजन की तर्ज पर शहर के कई क्षेत्रों में नन्हें –मुन्ने बच्चों ने भी भगवान की पालकी का आयोजन किया। इस दौरान शहर के कई क्षेत्रों में बच्चों ने भगवान की सजी-धजी पालकी डमरू,झांझ,ताशा के साथ निकाली। बच्चों की पालकी के दौरान उन्होंने प्रसाद वितरण भी किया।
दर्शनों के लिए सैलाब उमडा
सोमवार को रात 2.30 बजे पट खुलने के बाद भगवान को हरिओम जल अर्पित किया गया। बाद में भस्मार्ती की गई। भस्मार्ती में करीब एक हजार पांच सौ से अधिक श्रद्धालुओं ने बैठकर दर्शन किए। इस दौरान चलायमान भस्मार्ती में कार्तिकेय मडपम की अंतिम पंक्तियों से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए। चलायमान भस्मार्ती में करीब 5 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। इसके बाद सामान्य दर्शनों का सिलसिला चल पडा था। श्रद्धालुओं के भगवान के दर्शन के लिए उमडे सैलाब के कारण पूर्वान्ह में यह स्थिति बनी की मंदिर समिति के अधिकारियों को भी व्यवस्था के लिए मैदान में उतरना पडा। इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर रौशन कुमार सिंह व्यवस्था के लिए मंदिर में ही उपस्थित रहे। बकौल श्री सिंह श्रद्धालुओं की यह भगवान के प्रति आस्था है। सभी को जल्द से जल्द दर्शन हों इसके प्रयास किए जा रहे हैं। सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल के अनुसार दौपहर तक 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन किए थे।
श्यामू पर रहे मनमहेश सवार
मादा हाथी श्यामू का सोमवार सुबह चिकित्सकीय परीक्षण करने के बाद दोपहर में उसे मंदिर ले जाया गया। उसकी पीठ पर भगवान श्री मनमहेश की पालकी बांधी गई साथ ही पीछे पंडित के खडे रहने के स्थान को भी व्यवस्थित किया गया। सवारी निकलने के दौरान सबसे पीछे मादा हाथी रस्से के घेरे में रही। उसके पीछे वन विभाग का वाहन रहा। रस्से को वन विभाग एवं पुलिस विभाग के कर्मियों ने उठा रखा था। इस दौरान कहारवाडी में श्यामू का इशारा समझकर वन विभाग के कर्मियों ने वाहन से बाल्टी निकालकर उसे पानी पिलाया।
विधायक पुत्र पहुंचे गर्भगृह , कर्मचारी से विवाद-
सोमवार को तडके भस्मार्ती के पूर्व भाजपा के इंदौर 1 से विधायक गोलू शुक्ला ने गर्भगृह में जाकर भगवान के दर्शन किए हैं। उनके साथ उनका पुत्र रूद्राक्ष भी अंदर पहुंचा था।उसे रोकने के दौरान मंदिर समिति के कर्मचारी आशीष दुबे से उन्होंने विवाद भी किया और उसे धमकाया है। मंदिर के गर्भगृह में सामान्य दर्शनार्थियों के लिए प्रतिबंधित है। मंदिर समिति ने किसे अनुमति रहेगी इसके लिए अध्यक्ष को अधिकृत किया हुआ है। इस मामले में विधायक गोलू शुक्ला से संपर्क के प्रयास किए गए लेकिन उन्होंने मोबाईल रिसिव नहीं किया। विधायक एवं उनके पुत्र ने करीब 5 मिनिट तक गर्भगृह में पूजा अर्चना की है।
8.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए-
श्रावण मास की दुसरी सवारी पर भगवान श्री महाकालेश्वर के मंदिर सहित सवारी मार्ग पर श्रद्धा का सैलाब उमडा । इसके तहत करीब 8.5 लाख से अधिक श्रद्धालू भगवान के दर्शनों के लिए उज्जैन में जुटे और उन्होंने भगवान के मंदिर में पहुंचकर और सवारी में उनके दो स्वरूपों के दर्शन किए हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर प्रथम कौशिक ने बताया कि कम समय में श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन हों इसकी व्यवस्थाओं को अंजाम दिया गया है।
श्रावण माह के द्वितीय सोमवार प्रातः 04 बजे से शाम तक 03 लाख भक्तो ने मंदिर पहुंचकर कतारबद्ध होकर भगवान के दर्शन किए हैं। चलित भस्मार्ती में लगभग 15 हज़ार भक्तों ने दर्शन किये । सवारी के दौरान मार्ग के दोनों और श्रद्धालुओं ने बेरिकेडस के तहत खडे होकर पालकी के सामने आते ही दोनों हाथ उपर उठाकर भगवान का अभिवादन करते हुए भोले शंकर भोले नाथ, का स्वर गुंजायमान किया और जय श्री महाकाल का उद्घोष किया । सम्पूर्ण सवारी मार्ग पर लगभग 05 लाख 50 हज़ार से अधिक भक्तो ने श्री महाकालेश्वर भगवान के श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश स्वरूप के दर्शन किये। तीसरी सवारी 28 जुलाई को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में रहेंगे, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में और गरूड़ रथ पर शिवतांडव के स्वरूप में विराजित होंगे।