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  युवक की मौत के मामले में नशामुक्ति केन्द्र संचालक के साथ 6 पर गैर इरादतन हत्या का प्रकरण,5 गिरफ्तार

 
उज्जैन,19 दिसम्बर(इ खबर टुडे)।  नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती युवक की मौत का मामला गैर इरादतन हत्या में बदल गया है। केन्द्र के संचालक और पांच अन्य के खिलाफ जीवाजीगंज पुलिस ने मामला दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट के दौरान मृतक का लीवर डेमेज होना सामने आया है।पुलिस ने केंद्र के दो कर्मचारी 3मरीज को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। संचालक फरार है।

जीवाजीगंज थाना प्रभारी विवेक कनोडिया के अनुसार मक्सीरोड शंकरपुर में रहने वाले हरीश पिता ग्यारसीलाल निर्मल 40 साल को परिजनों ने 5 दिसंबर को मंगलनाथ मार्ग पर नव मानस नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती कराया था। 12-13 दिसंबर की रात नशा मुक्ति केन्द्र से परिजनों को बताया गया कि हरीश की तबीयत बिगड़ गई है। उसे आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है, सायलेंट अटैक आया है। परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे, जहां हरीश की मौत होना सामने आया था। परिजन रात में शव घर ले आये थे।

 13 दिसंबर की सुबह अंतिम संस्कार की तैयारी के दौरान मृतक हरीश के शरीर पर चोंट के कई निशान दिखाई दिये। परिजनों ने मारपीट करने और हत्या का आरोप लगाया। जीवाजीगंज थाना पुलिस ने मर्ग कायम किया और पोस्टमार्टम कराया। थाना प्रभारी श्री कनोड़िया ने बताया कि पांच दिन बाद मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सामने आया कि मृतक के साथ मारपीट हुई थी, जिसके चलते उसका लीवर डेमेज हुआ था, इसी के चलते मौत हुई है।

थाना प्रभारी के अनुसार पीएम रिपोर्ट के आधार पर नशा मुक्ति केन्द्र के संचालक उमेश वैष्णव के साथ केन्द्र संचालक उमेश वैष्णव, केयर टेकर चंद्रशेखर फडके,गार्ड कमलेश राव,जबरदस्ती दवा पिलाने में सहयोग करने वाले मरीज कपिल वर्मा, शुभम  चौहान एवं एक अन्य मरीज सहित 6 लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता में गैर इरादतन हत्या की धारा 105 और 3 (5) में प्रकरण दर्ज किया गया है। 

इनमें से संचालक को छोडकर शेष अन्य 5 को गिरफ्तार कर शुक्रवार अपरांह में न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी के न्यायालय में पेश किया गया था जहां से सभी को जेल भेजने के आदेश पर जेल दाखिल किया गया। पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि नशा मुक्ति केन्द्र में भर्ती लोगों के साथ वहां काम करने वाले दवा पिलाने के दौरान मारपीट करते थे।

 केन्द्र में कुछ ऐसे लोगों को भी दवा पिलाने में शामिल कर लिया गया है, जिनका खुद का उपचार केन्द्र में चल रहा है। केन्द्र में कोई डॉक्टर की नियुक्ति नहीं थी, देखभाल के लिये नर्सिंग स्टाफ भी नहीं रखा गया है। हरीश के साथ घटनावाली रात यहीं हुआ था। उसे दवा पिलाने से पहले बुरी तरह पीटा गया था। उसके बाद सीने पर चढ़कर दवा पिलाने की कोशिश की गई थी। मारपीट में उसे अंदरूनी चोंट लगे थी। श्री कनोडिया के अनुसार केंद्र को लेकर विस्तृत जांच जारी है।