Madhya Pradesh news: सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आने वाले किसानों की हो गई मौज, सरकार देगी जमीन के साथ मुआवजा
सिंहस्थ मेला क्षेत्र में जिन किसानों की जमीन आ रही है, उन्हें अतिरिक्त मुआवजा देने का फैसला लिया है। मंगलवार को भोपाल में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए निर्णय के अनुसार, मेला क्षेत्र की प्रस्तावित चार स्कीमों में लैंड पुलिंग से जमीन लेने और 50% वापस करने के अलावा अतिरिक्त मुआवजा भी दिया जाएगा।
इन स्कीम में अधिकांश हिस्सा कृषि भूमि का है। सरकार ने इन जमीनों पर कृषि उपयोग के अलावा स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, धर्मशाला, आश्रम, अखाड़े बनाने की विशेष छूट की घोषणा भी की जा चुकी है। बैठक में उज्जैन संभागायुक्त व सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह भी शामिल हुए थे।
इन चार स्कीमों की जमीन का इस प्रकार होगा उपयोग
लैंड पुलिंग से जो जमीन मिलेगी उसमें 50% किसानों को वापस कर दी जाएगी। 20 से 25% जमीन का उपयोग रोड, लाइट, पानी, सीवर और बिजली की अंडर ग्राउंड के निर्माण में होगा। 15 % सिंहस्थ उपयोग के लिए आरक्षित रहेगी। 5% भूमि हरियाली, बगीचों व अन्य मनोरंजन गतिविधियों के लिए तथा 5% पार्किंग, जनसुविधा केंद्र के लिए होगी।
पिछली बार सिंहस्थ में आई समस्याओं से लिया गया सबक
1.पहले मिट्टी की रोड होने से मुश्किलें थी। जलजमाव, कीचड़ से परेशानी हुई थी। अब कांक्रीट रोड बना रहे। यातायात एवं भीड़ प्रबंधन आसान होगा।
2.अस्थाई पंडालों एवं शौचालयों की जगह अंडर ग्राउंड स्थाई सीवर लाइन व ट्रीटमेंट प्लांट बनेंगे। गंदा पानी शिप्रा में नहीं मिलेगा।
3.पीने के पानी की सबसे ज्यादा परेशानी थी। अब स्थाई पानी की लाइन, ओवर हेड टेंक का निर्माण होगा।
4.अस्थाई बिजली व्यवस्था होती थी। हादसों का डर रहता था। अब लाइन अंडरग्राउंड होगी।
5.सिंहस्थ के समय मेला क्षेत्र की निजी जमीनों का अधिग्रहण एक साल के लिए किया जाता रहा है। मेले के बाद अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने की अधिकृत व्यवस्था नहीं थी। अब अतिक्रमण रुकेंगे। लोगों को हर 12 साल में स्ट्रक्चर नहीं तोड़ने होंगे।
6.अखाड़ों एवं संतों के लिए भूमि आरक्षित होने से जमीन सुरक्षित रखना आसान होगा। हर बार मेला क्षेत्र बढ़ाने की जरूरत नही होगी।