उज्जैन,22 अक्टुम्बर(इ खबर टुडे/ब्रजेश परमार)। अफ्रीका की बोमा पद्धति ने गजब ढा दिया है। पिछले तीन दिन में ही फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले 148 कृष्ण मृगों को बगैर कोई नुकसान पहुंचाए लिया गया है। पकडे गए मृगों को संभाग के मंदसौर जिला अंतर्गत गांधीसागर वन्यजीव अभ्यारण्य में छोडा जा रहा है। अकेले गुरुवार को ही 69 कृष्णमृग पकडे गए हैं।
पश्चिमी मध्य प्रदेश के राजस्व क्षेत्र में कृष्ण मृग एवं रोजडों के खेतों को नुकसान पहुंचाने की समस्या के निदान के लिए दक्षिण अफ्रीका की कंजर्वेशन सॉल्यूशंस की टीम एवं वन विभाग की टीम द्वारा हेलीकॉप्टर और बोमा से कृष्णमृगों को पकड़ने का अभियान जारी है। दीपावली से इस अभियान की शुरूआत की गई है।
वनमंडलाधिकारी देवास एवं अभियान प्रभारी वीरेन्द्र सिंह पटेल ने बताया कि गुरूवार को शाजापुर जिले के कालापीपल तहसील के लसूड़िया घाघ एवं निपानिया खुर्द में बोमा लगाया गया। लसूड़िया कला, निपनिया खुर्द, बदरपुर, पोचनेर गाँव से 69 कृष्णमृगोंको किसानो के खेतों से पकड़कर गाँधीसागर वन्यजीव अभयारण्य के जंगल में छोड़ा गया। इस अभियान के तहत अब तक 148 कृष्णमृगों को पकड़कर अन्यत्र वन क्षेत्र में छोड़ा गया। इससे किसानों को होने वाले फसल नुकसान में कमी आएगी। इस तरह का देश में ये प्रथम अभियान है। यह अभियान अगले 05 नवम्बर तक शाजापुर जिले में चलाया जाएगा। इस कार्यवाही में शाजापुर जिला प्रशासन और पुलिस विभाग ने पूर्ण सहयोग दिया।
ग्रामीण भाग रहे कृष्णमृगों के पीछे
श्री पटेल के अनुसार आसपास के ग्रामवासियो से अपील की गई हैं कि आने वाले दिनों की कार्यवाही के दौरान खेतों में जब हेलीकॉप्टर द्वारा हांका लगाया जा रहा है तो कृष्णमृगों के पीछे ना भागे। साथ ही साथ ग्रामवासियों से निवेदन है की जब अभियान चल रहा है तो आसपास के रास्तों में गाड़ियों में ना घूमे। आने वाले दिनों में यह अभियान शाजापुर जिले के अन्य विधानसभा क्षेत्रों में चलाया जाएगा। साथ ही साथ नीलगायों को भी पकड़कर अन्य वन क्षेत्रों में छोड़ा जाएगा।


