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उज्जैन में चलेगी 100 ई-बस, वर्कशॉप की जमीन पर बनना है डिपो व चार्जिंग स्टेशन
 

पीएम ई-बस सेवा योजनांतर्गत केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय ने उज्जैन शहर को 100 ई-बस की मंजूरी दी है। योजना की घोषणा 16 अगस्त 2023 में हुई थी, ऐसे मे दो साल बीत जाने के चलते नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने उज्जैन नगर निगम को इन ई-बसों के लिए डिपो और चार्जिंग पाइंट से जुड़े कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश दिए हैं। निगम ने पिछले डेढ़ सालों में 2 से 3 जगहों पर विचार करने के बाद डिपो और चार्जिंग पाइंट के लिए मक्सी रोड स्थित वर्कशॉप की भूमि का चयन किया है।

5 एकड़ भूमि के वर्कशॉप में अभी पुरानी बसों की पार्किंग सहित सिटी बस का ऑफिस है। वर्कशॉप और ई-चार्जिंग का बजट करीब 13 करोड़ रखा है, लेकिन फिलहाल इस भूमि का मालिकाना अधिकार निगम के पास नहीं है। शासन द्वारा यह भूमि किसी और विभाग को दी थी, जिस पर निगम का केवल कब्जा है। ऐसे में बस डिपो और ई-चार्जिंग पाइंट बनाने के लिए निगम द्वारा शासन से इस भूमि की मांग की गई है, फिलहाल अब तक कोई जबाव नहीं मिला है। केंद्र सरकार से मिल रही इन बसों का टेंडर दिल्ली की ग्रीन सेल ग्रीनसेल मोबिलिटी कंपनी को दिया है, जो शहर में ई-बस उपलब्ध करवाएंगी। वहीं बस डिपो में बस टर्मिनल, बस स्टॉप सहित अन्य निर्माण होंगे, इसका टेंडर होकर तकनीकी बीट खोली है, जिसमें 2 कंपनियों आई हैं। वहीं चार्जिंग पाइंट के लिए इलेक्ट्रिक के लिए टेंडर होकर तकनीकी बीट खोलने पर 3 कंपनियां आई है।

पीपीपी मॉडल पर प्रदेश में उज्जैन सहित 8 शहरों को मिलेंगी ई-बस

पीएम-ई-बस सेवा के तहत 3 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले शहरों में पीपीपी (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) मॉडल पर 10,000 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जानी है। यह 10 हजार बसें 169 शहरों में चलाई जाएंगी, जिनमें मध्यप्रदेश के 8 शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर, देवास और सतन शामिल हैं। केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय ने भोपाल में 195, इंदौर में 270, ग्वालियर में 100, जबलपुर में 200, उज्जैन में 100, सागर में 32, देवास में 55 और सतना में 20 ई-बसों की मंजूरी दी है।

अभी रूट वही, पॉलिसी में 25 किलोमीटर का दायरा बढ़ाने पर विचार शामिल

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निगम अपर आयुक्त पवन कुमार सिंह ने बताया भूमि की मांग रख दी है। सिविल और इलेक्ट्रिकल का टेंडर किए हैं। जैसे ही जमीन मिलेगी काम शुरू कर देंगे। चार्जिंग तो बस संचालक करेगा, हम बिजली कनेक्शन देंगे। बसों के संचालन के लिए केंद्र सरकार से 22 रुपए और राज्य सरकार से 7 या 8 रुपए मिलेंगे। इसके अलावा जो खर्च रहेगा, उसे बस संचालक के साथ व्यवस्था की जाएगी। बस संचालन के लिए फिलहाल पुराने रूट ही रखा है। साथ ही जब बस का संचालन शुरू होगा, तब एक और बार रूट तय कर लेंगे। बाकी पॉलिसी में 25 किमी का दायरा बढ़ाने का विचार शामिल है। ई-बस के आने पर उज्जैन सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज भी सम्मिलित हो जाएगी