World's First traffic signal: इस देश में लगा था दुनिया का सबसे पहला ट्रैफिक सिग्नल, 99% नहीं जानते लोग
World's First traffic signal : दुनिया के हर देश में जाम की समस्या बढ़ती जा रही है. हर रोज सड़कों पर भारी ट्रैफिक देखने को मिल जाता है. जिसके कारण कई बार जरूरी जगह पहुंचने के लिए काफी समय लग जाता है.
ट्रैफिक को देखते हुए सरकार ने हर चौंक के लिए ट्रैफिक सिग्नल का इस्तेमाल किया है. जिससे सड़कों पर लग रहे जाम को कम किया जा सकें. क्या आप लोग जानते है कि दुनिया का सबसे पहला ट्रैफिक सिग्नल किसने और कहां लगवाया था, अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको बताते है.
दुनिया का पहला (World’s First) ट्रैफिक सिग्नल (यातायात संकेत) आज से करीब 150 साल पहले, 9 दिसंबर, 1868 को लंदन, इंग्लैंड में स्थापित किया गया था. इस सिग्नल को ब्रिटिश संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) के ठीक पास, ग्रेट जॉर्ज स्ट्रीट और ब्रिज स्ट्रीट के चौराहे पर लगाया गया था.
इसे रेलवे सिग्नल इंजीनियर जॉन पीक नाइट ने डिजाइन किया था. जॉन पीक नाइट को रेलवे में सिग्नलिंग सिस्टम का अच्छा खासा अनुभव था. इसलिए उन्होंने सड़कों पर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल बनाया.
ये सिग्नल एक गैस-लैंप वाला सिग्नल था, जिसमें रेलवे सिग्नल की तरह लाल और हरे रंग के सेमाफोर आर्म्स (बाहें) लगी थीं. दिन में पुलिसकर्मी इन यांत्रिक बाहों का इस्तेमाल करते थे. रात के अंधेरे में दूर से दिखाई देने के लिए इसमें गैस लाइट जलाई जाती थी.
इस सिग्नल को पुलिसकर्मी द्वारा मैन्युअल तरीके से संचालित किया जाता था. पुलिसकर्मी यातायात के अनुसार इन बाहों और लाइटों को बार-बार बदलता रहता था. इससे एक बहुत बड़ा हादसा जुड़ा हुआ है. इस सिग्नल को लगाने के बाद 1869 में एक भयानक हादसा हुआ था.
इस सिग्नल से गैस लीक होने के कारण एक जोरदार विस्फोट हुआ. इस विस्फोट ने आसपास के इलाके को हिला दिया था. सिग्नल के पास ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी की इसमें मौत हो गई. जिन शहरों में इस सिग्नल को लगाया गया था वहां पर इसे रोक दिया गया था.
इस हादसे के बाद लगभग 50 साल यानी आधी सदी बाद 5 अगस्त 1914 को क्लीवलैंड, अमेरिका में दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक ट्रैफिक सिग्नल लगाया गया. इस सिग्नल में लाल और हरे रंग की रोशनी का प्रयोग किया गया और इसे ट्रैफिक पुलिस अधिकारी द्वारा नियंत्रित किया जाता था.
इसके बाद इसे धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक सिग्नल में बदल दिया गया. भारत में पहला ट्रैफिक सिग्नल 1950 के दशक में कोलकाता (तब कलकत्ता) में लगाया गया था.