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हरियाणा की मंडियों में लगे गेहूं के ढेर, 20 लाख टन गेहूं में से केवल 11 लाख टन की खरीद

हरियाणा की मंडियों में लगे गेहूं के ढेर, 20 लाख टन गेहूं में से केवल 11 लाख टन की खरीद
 

 हरियाणा की अनाज मंडियां इस समय गेहूं से अटी पड़ी हैं। सरकार की सख्ती के बावजूद खरीद की गति तेजी नहीं पकड़ रही है। इस समय हरियाणा की मंडियों में 20 लाख टन से अ​धिक गेहूं की आवक हो चुकी है, लेकिन अ​धिकारियों ने केवल अभी तक 11 लाख टन के आसपास ही गेहूं की खरीद की है। वहीं मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसके लिए अ​धिकारियों को चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द गेहूं की खरीद करके उसका उठान किया जाए। दो दिन पहले आई बारिश के कारण मंडियों में रखा लाखों टन गेहूं भीग गया। 


मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अ​धिकारियों को जारी निर्देश में साफ कहा है कि मंडियों में गेहूं खरीद के सभी इंतजाम होने चाहिएं। इसके बावजूद राज्य कृ​षि विपणन बोर्ड के अ​धिकारी अपनी जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा रहे हैं। खरीद एजेंसियां समय पर गेहूं की खरीद नहीं कर पा रही हैं। इसके अलावा मंडियों से गेहूं का उठान भी समय पर नहीं हो रहा है। समय पर उठान नहीं होने के कारण ही पिछले दिनों बारिश में लाखों टन गेहूं भीग गया। इस समय मंडियों में 9 लाख टन गेहूं बिना खरीद के ही पड़ा है। अभी तक केवल 11 लाख टन गेहूं की ही खरीद हो पाई है। यदि फिर से मौसम पलटा और बारिश हुई तो फिर से लाखों टन गेहूं बारिश में भीग जाएगा। 


अभी तक 10 लाख टन गेहूं का ही कटा जे फार्म
यदि हम प्रतिदिन मंडियों में हो रही गेहूं की आवक की बात करें तो लगभग 4 लाख टन गेहूं प्रतिदिन मंडियों में आ रहा है। अब तक 20 लाख 38 हजार 410 टन गेहूं की आवक मंडियों में हाे चुकी है लेकिन इस औसत में खरीद नहीं हुई है। अभी तक मंडियों में 11 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है तथा 10 लाख टन गेहूं का जे फार्म काटा गया है। जे फार्म कटने के बाद ही किसान अपनी फसल के भुगतान के लिए पात्र माना जाता है। यदि फसल का जे फार्म नहीं कटा है तो इसका मतलब है कि आपकी फसल अभी तक बिकी नहीं है। वहीं जे फार्म कटते ही 48 घंटों के भीतर सरकार ने किसानों का भुगतान करने के भी निर्देश दिए हुए हैं। इन आदेशों का भी सही समय पर पालन नहीं हो रहा है। 


मुख्यमंत्री ने दी अ​धिकारियों को चेतावनी
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अ​धिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि किसी किसान की गेहूं व सरसों मंडी में बारिश के कारण भीग गई तो अ​धिकारियों के ​खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब किसान की फसल मंडी में पहुंच जाती है तो फिर अ​धिकारियों की जिम्मेदारी बन जाती है। ऐसे में किसी भी सूरत में किसानों की फसल भीगनी नहीं चाहिए। पिछले दिनों मंडी में जो फसल भीगी थी, उसकी जानकारी भी मुख्यमंत्री ने 15 अप्रैल तक मांगी है।