हरियाणा में टीचर अब एक साल के बाद स्कूल बदल सकेंगे। पहले कम से कम तीन साल एक ही विद्यालय में रहना अनिवार्य था। सरकार ने बेशक पूरे प्रदेश में कहीं भी ट्रांसफर का विकल्प दिया है, लेकिन शर्तें भी जोड़ी हैं। टीचर एक ब्लॉक में अधिकतम 15 साल रह पाएगा। इसके बाद ब्लॉक बदलना होगा।
पहले जोन के अनुसार ट्रांसफर किए जाने का प्रावधान था। कैबिनेट की ओर से अनुमोदित किए गए टीचर ट्रांसफर ऑनलाइन पॉलिसी के ड्रॉफ्ट में ट्रांसफर ड्राइव न चलने पर मुख्यमंत्री को किसी भी टीचर का ट्रांसफर करने की पावर का प्रावधान यथावत जारी रखा गया है। प्रशासनिक सचिव ट्रांसफर करेंगे, लेकिन सीएम से मंजूरी लेनी होगी। वहीं, यह सामने आया है कि ड्रॉफ्ट में भले ही कपल केस के अंक घटा दिए हैं, लेकिन कैबिनेट के मिनिट्स में यह स्पष्ट किया गया कि अब यदि पति-पत्नी दोनों कर्मचारी हैं तो उनमें से एक को 5 अंक दिए जाएंगे। उसमें यह शर्त हटा दी है कि वह कहां जाना चाहते हैं। वह जहां भी चाहे, जाने के लिए पांच अंक ले सकेगा।
7 कैटेगरी के लिए ऐसे चलेगी ट्रांसफर ड्राइव
अब ट्रांसफर ड्राइव क्रमवार चलेगा। पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। इसके अनुसार सबसे पहले पीआरटी, जेबीटी, और सीएंडवी का ट्रांसफर ड्राइव चलेगा। इसके बाद पीएम श्री और मॉडल संस्कृति स्कूल के टीचर्स के ट्रांसफर होंगे। इनके बाद प्रिंसिपल, हेडमास्टर और एलीमेंट्री स्कूल के हेडमास्टर के ट्रांसफर होंगे। इनके बाद पीजीटी, सीएंडवी, टीजीटी, एचटी व पीआरटी रेगुलर और आखिर में रिक्त पदों पर गेस्ट फैकल्टी पीजीटी, सीएंडवी, टीजीटी, एचटी और पीआरटी के ट्रांसफर होंगे।
ट्रांसफर ड्राइव न चलने पर कैसे करा सकेंगे तबादले
ड्रॉफ्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि ड्राइव न चलने की स्थिति में वे कैसे आवेदन करेंगे। इसके लिए आवेदन सुगम संपर्क पोर्टल पर करना होगा। मेडिकल ग्राउंड पर ट्रांसफर होगा। परिवार में किसी का निधन होता है तो परिवार की देखभाल के लिए ट्रांसफर हो सकेगा, लेकिन सदस्य का नाम उसके परिवार पहचान पत्र में होना चाहिए। यदि किसी का साल पूरा होने को है तो वह भी आवेदन कर सकेगा। हालांकि, ऐसे मामलों में विभागाध्यक्ष उसके आवेदन की पूरी जांच करेंगे। आखिरी निर्णय सीएम लेंगे।
रिटायरमेंट में 1 साल से कम समय तो इच्छा पर ट्रांसफर
जिन टीचर के रिटायरमेंट में 12 माह से कम समय बचा है तो उनका ट्रांसफर उनकी इच्छा पर ही किया जाएगा। इसके साथ ही कम से कम दो साल कैंसर का इलाज कराने वाले, 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और वह विधवा महिला, जिसका सबसे छोटा बच्चा 10 साल से कम उम्र का है, उनका भी उनकी इच्छा के बिना ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। हसला के राज्य प्रधान सतपाल सिंधु ने कहा कि विभाग को बिना देरी के पारदर्शी व ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत जल्द से जल्द तबादले करने चाहिए।


