उत्तरप्रदेश के आठ जिलों के लिए रीजनल प्लान 2051 तैयार, होगी आधुनिक सुविधा
उत्तरप्रदेश के आठ जिलों के लिए सरकार ने रीजनल प्लान 2051 तैयार कर लिया है। कानपुर के साथ उसके आसपास के आठ जिलों को मिलाकर दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर विकास का खाका खींचा जाएगा। इसके लिए कानपुर देहात, कानपुर नगर, बांदा, हमीरपुर, फतेहपुर, जालौन, औरैया और कन्नौज को मिलाकर कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) का गठन होगा।
इसका जिम्मा कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) को दिया गया है। तय योजना के मुताबिक क्रीडा के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा और उसकी सिफारिश के मुताबिक कानपुर समेत इसके पड़ोसी आठ जिलों को मिलाकर 'रीजनल प्लान 2051' का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।
इसके बाद इस ड्राफ्ट की सिफारिशों के मुताबिक कानपुर समेत पड़ोसी आठ जिलों में इस तरह विकास कार्य किए जाएंगे ताकि हर जिला रोजगार और औद्योगिक विकास के प्रॉजेक्ट्स से जुड़ सके।
राज्य राजधानी क्षेत्र के लिए कार्यकारी समिति गठित
यूपी में दिल्ली एनसीआर के मॉडल पर डिवेलपमेंट का रोडमैप तैयार किया गया है। इसके तहत मंडल के मुख्यालय या पहले से विकसित बड़े जिले के पड़ोसी जिलों को मिलाकर एक स्पेशल इकॉनमिक जोन बनाया जाएगा। इसके तहत लखनऊ को मिलाकर राज्य राजधानी क्षेत्र के वाद अब यूपी के सबसे पुराने औद्योगिक शहर कानपुर को उसके पड़ोसी जिलों के साथ मिलाकर कानपुर रीजनल इंटीग्रेटेड अथॉरिटी (क्रीडा) मिलाकर बनने वाले 'राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण' के लिए शासन ने कार्यकारी समिति का गठन कर दिया है। अब यह समिति ही इस विकास क्षेत्र प्राधिकरण का काम देखेगी। माना जा रहा है कि जल्द ही कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा। यह कंसल्टेंट ही राज्य राजधानी क्षेत्र
क्या फायदा होगा
इस पूरे क्षेत्र में जमीनों के बेहतर प्रबंधन, आवास के साथ ही उद्योग और ट्रांसपोर्टेशन से को लेकर बेहतर योजनाएं बनाई जा सकेंगी। इसके तहत कानपुर समेत पड़ोसी आठ जिलों को मिलाकर कुल 20,094 किमी वर्ग क्षेत्र में विकास से जुड़े प्रॉजेक्ट को नया मुकाम दिया जा सकेगा।
आवास विभाग के सूत्रों की मानें तो कानपुर के बाद वाराणसी और प्रयागराज मंडल में भी उनके आसपास के जिलों को मिलाकर रीजनल डिवेलपमेंट अथॉरिटी गठित की जाएगी।