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राम रहीम को फिर मिली 21 दिन की फरलो, अब तक आ चुका है 13 बार जेल से बाहर

राम रहीम को फिर मिली 21 दिन की फरलो, अब तक आ चुका है 13 बार जेल से बाहर
 

haryana news: पिछले तीन महीने में अब तक राम रहीम रोहतक जेल से दूसरी बार बाहर आ चुका है। अभी उसे फिर 21 दिन की फरलो मिली है। अब तक राम रहीम 13 बार बाहर आ चुका है। राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल से सिरसा डेरे के लिए रवाना हो गया। किसी सजायाफ्ता व्य​क्ति के इतनी बार बाहर आने का रिकार्ड भी राम रहीम के नाम ही है।  


राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में हत्या और रेप के मामले में 20 साल की सजा काट रहा है। एक बार फिर वह बुधवार सुबह साढ़े छह बजे जेल से बाहर निकला। अब उसे 21 दिन की फरलो मिल गई है। इन 21 दिन तक राम रहीम सिरसा डेरे में ही रहेगा। वह सुबह रोहतक से सीधा सिरसा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना हुआ। इससे पहले वह 28 जनवरी को 30 दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। इन 30 दिनों में वह 10 दिन सिरसा डेरे में तथा 20 दिन उत्तरप्रदेश के बरनावा में रहा था। इस बार उसने डेरे के स्थापना दिवस के लिए फरलो मांगी थी। डेरा सच्चा सौदा में 77वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा। इस डेरे की स्थापना 29 अप्रैल 1948 को संत शाह मस्ताना ने की थी।


पिछले 8 साल से है जेल में बंद
राम रहीम 2017 से सिरसा की सुनारिया जेल में बंद है। 25 अगस्त 2017 को सा​ध्वियों के यौन शोषण मामले में उसे 20 साल की कैद हुई थी। बाद में 17 जनवरी 2019 को उसे पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद हुई  थी। इसके अलावा अक्तूबर 2021 में डेरा मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या के मामले में सीबीआई अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने तीन साल बाद राम रहीम को इस मामले में बरी कर दिया था। अभी राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। अभी तक रोहतक की सुनारिया जेल से वह 13 बार बाहर पैरोल पर आ चुका है। 


खास मौकों के लिए मिलती है पैरोल
यदि कोई कैदी अपनी सजा का एक हिस्सा पूरा कर लेता है तो उसे पैरोल मिल सकती है। इसके अलावा उनको खास मौकों के लिए ही पैरोल मिल सकती है। यदि परिवार में किसी की मृत्यु हो जाए, कोई बीमार हो या फिर किसी परिचित की शादी हो तो ही वह पैरोल के लिए आवेदन कर सकता है। इसमें भी दो प्रकार की पैरोल होती है। एक रेगुलर और दूसरी कस्टडी। रेगुलर पैरोल में कैदी के साथ कोई सुरक्षा नहीं रहती जबकि उसे यदि कस्टडी पैरोल मिली है तो पुलिस उसके साथ रहेगी। 


फरलो कानूनी अ​धिकार
जिस प्रकार पैरोल के लिए किसी खास कारण की जरूरत है, उसी प्रकार फरलो के लिए कोई खास कारणों की जरूरत नहीं होती। यह उसका कानूनी अ​धिकार होता है। फरलो के लिए भी अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। इसके तहत यदि कैदी का चाल-चलन जेल के अंदर ठीक रहता है तो उसे फरलो मिल सकती है।