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Radha Ashtami 2025: देशभर में इस दिन धूमधाम से मनाई जाएगी राधा अष्टमी, जानें नियम और पूजा की विधि 

 

Radha Ashtami Vrat Rules : जिस तरीके से देशभर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है. उसी तरीके से राधा अष्टमी बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है. हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा अष्टमी मनाई जाती है.

इसी दिन वृंदावन की गौरांगना, भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्म हुआ था. राधा अष्टमी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिन बाद आती है. ये एक प्रेम, भक्ति और श्रद्धा का अनोखा संगम है. इस साल ये त्यौहार 5 सितंबर, 2025  शुक्रवार को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाएगा.

इस दिन ज्यादातर लोग व्रत रखते है. कहा जाता है कि राधा नाम लेने से सभी दुख-दर्द दूर होते है. अगर आफ पहली बार राधा अष्टमी पर व्रत रखते है तो इन बातों का खास ध्यान दे. 

व्रत शुरू करने से पहले ध्यान रखने वाली बातें

1. राधा अष्टमी पर सुबह जल्दी उठें.

2. उसके बाद स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें.

3. फिर व्रत करने का संकल्प लें.

4. उसके बाद पूरे दिन सात्विकता बनाए रखें, क्रोध और कटु वचन न बोलें. 

5. व्रत में केवल फलाहार लें. अनाज और नमक का सेवन न करें. 

राधा अष्टमी व्रत की पूजा विधि

1. घर की सफाई – सबसे पहले पूरे घर के साख पूजा के स्थान की अच्छे से सफाई करें.  

2. चौकी की स्थापना – पूजाघर में एक चौकी रखें और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और राधा रानी की प्रतिमा या फोटो स्थापित करें.

3. कलश स्थापना – उसके बाद एक मिट्टी या तांबे के कलश में जल भर कर उसमें आम के पत्ते और सिक्के डालें, ऊपर नारियल रखें.

4. अभिषेक – राधा रानी की प्रतिमा को  पंचामृत से स्नान कराएं, फिर स्वच्छ जल से धोएं.

5. श्रृंगार और पूजन – उसके बाद राधा जी को चंदन, फूल, धूप, दीप, फल और मिठाई अर्पित करें.

6. श्रीकृष्ण पूजन – राधा रानी के साथ श्रीकृष्ण की भी पूजा करें और तुलसी दल के साथ भोग लगाएं.

7. आरती और प्रसाद – राधा-कृष्ण की आरती करें और प्रसाद बांटें.

8. मंत्र और पाठ – आप “ॐ ह्रीं राधिकायै नमः” का जाप करें. 

व्रत के लाभ

1. इससे दांपत्य जीवन में प्रेम और मधुरता आती है.

2. राधा अष्टमी का व्रत रने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.

3. सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

4. हर व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और सकारात्मकता बढ़ती है.