Indian railway : भारतीय रेलवे अब छोटे, खुदरा और घरेलू सामानों की भी ढुलाई करेगा। वह सामान लोगों के घर से पिक कर उन्हें गंतव्य पते तक पहुंचाने की जिम्मेदारी खुद उठाएगा। इससे लोग सामान रेलवे यार्ड तक पहुंचाने या फिर गंतव्य स्टेशन से घर लाने की झंझट से भी बच सकेंगे।
रेलवे पार्सल कंटेनर के जरिए लोगों तक यह सुविधा पहुंचाएगा। सेवा की शुरुआत फिलहाल मुंबई-कोलकाता के बीच हुई है। जल्द ही अन्य रूट पर भी विस्तार होगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक रेलवे बल्क ट्रांसपोर्टर की भूमिका में रहा है।
भारी मशीन, सीमेंट, लोहा, तेल, कोयला आदि का ट्रांसपोर्ट रेलवे करता है। अब इसमें आम ग्राहक (नॉन इंडस्ट्रियलिस्ट) भी शामिल होंगे। घर का सामान एक शहर से दूसरे शहर तक ले जाना हो, कार-बाइक पहुंचाना हो तो यह सुविधा डोर-टू-डोर स्तर पर मिलेगी।
अभी तक इन सामानों को भेजने के लिए रेलवे के पार्सल यार्ड तक ले जाना पड़ता था।
जहां यह सामान भेजे जाते थे, वहां ग्राहक रिसीव करता था। इसमें दलाल सक्रिय रहते थे। लोग सामान भेजने-उतारने के लिए परेशान होते थे। ऑनलाइन बुकिंग के बाद अब झंझट खत्म होगा। सामान लोगों के घर से पिक कर उन्हें गंतव्य के दिए पते पर पहुंचाने की जिम्मेदारी रेलवे लेगा।
लागत : रेलवे अधिकारी का कहना है
सड़क मार्ग से भेजने से कम रहेगी कि दूरी और सामान के वजन के हिसाब से रेट तय होंगे। हालांकि यह सड़क मार्ग से भेजने की लागत से काफी कम होंगे। बड़ा फायदा यह होगा कि कंटेनर से सामान भेजना सुरक्षित रहेगा और सामान बारिश-धूप की वजह से खराब होने की आशंका भी कम होगी। यदि पहले सामान भेजने में 100 घंटे लगते थे, तो अब सिर्फ 60 घंटे ही लगेंगे।
एप पर ऐसे करा सकेंगे बुकिंग :
रेलवे की इकाई ई-कॉनकोर लॉजिस्टिक
साइट या एप पर लॉगइन करना होगा। सामानों की सूची, भेजने की तारीख, कहां से पिकअप और कहां डिलीवरी करना है, इसका विवरण देना होगा। ऑनलाइन भुगतान करना होगा। इसके बाद रेलवे या उनके द्वारा अधिकृत व्यक्ति सामान पिक करेगा और पिक सामान का विवरण मेल आईडी पर भेज दिया जाएगा। सामान पिक होने की पुष्टि के बाद सामान रेलवे अपनी जिम्मेदारी में ले लेगा।


