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हरियाणा में आयुष्मान योजना में इलाज रोकने पर अस्पतालों को नोटिस जारी

 

पेमेंट न मिलने पर आयुष्मान योजना में इलाज रोकने वाले प्राइवेट हॉस्पिटल को कारण बताओ नोटिस देने का काम शुरू कर दी गई है। इस कारण बताओं नोटिस में अस्पतालों के खिलाफ एक्शन के लिए वार्निंग दी गई है। यह नोटिस अभी उन निजी अस्पतालों को दिए जा रहे हैं, जिनकी आयुष्मान भारत-हरियाणा हेल्थ प्रोटेक्शन अथॉरिटी (India Haryana health protection authority)को शिकायत की गई है। ज्वाइंट सीईओ (joint co)की ओर से जारी नोटिस में कहा कि आयुष्मान भारत योजना(aayushman Bharat Yojana) के नियमों और शर्तों का उल्लंघन करने के लिए आपके संस्थान के खिलाफ क्यों न दंडात्मक कार्रवाई की जाए।

इसलिए नोटिस जारी होने के 24 घंटे के भीतर जवाब दिया जाए। ऐसा न करने पर जुर्माना, निलंबन और योजना की ब्लैक लिस्ट में अस्पताल(blacklist hospital) को शामिल करने की कार्यवाही की जाएगी। यह कार्यवाही यहां तक सीमित नहीं रहेगी। इसलिए मामले को गंभीरता से लें। इस मामले में आईएमए( ima) के पूर्व प्रधान डॉ. अजय महाजन ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता में पहले ही बता दिया था कि पैसा न देने पर इलाज रोका जाएगा। सात अगस्त से सेवाएं बंद हैं। सरकार पैनल में शामिल अस्पतालों के साथ समझौता ज्ञापन के माध्यम से की गई अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रही है। अब दबाव की रणनीति अपनी अक्षमता को छिपाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मामले का जल्द समाधान नहीं किया तो लड़ाई देश में फैल सकती है।

आयुष्मान योजना (aayushman Yojana) के लाभार्थियों का उपचार बंद करने के बाद वीरवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(Indian medical association) बड़ा फैसला ले सकती है। इसको लेकर आईएमए (Indian medical association)के पदाधिकारियों की राज्य स्तरीय ऑनलाइन मीटिंग होगी। आईएमए अम्बाला सिटी(medical association Ambala city) के पूर्व प्रधान डॉ. अशोक सारवाल ने बताया कि सरकार ने अभी 25 प्रतिशत भुगतान किया है। मगर, अब भी एक बड़ा हिस्सा बकाया है। इसका बोझ भी निजी अस्पतालों(hospital) पर ही पड़ रहा है। इसी कारण अभी तक हड़ताल जारी है।