Meerut-Pauri Highway : मेरठ-पौड़ी हाईवे पर बने भैंसा टोल प्लाजा के अनुबंध में 44 लाख की स्टांप ड्यूटी चोरी
मेरठ-पौड़ी हाईवे पर टोल अनुबंध में स्टाप ड्यूटी का भुगतान करने में फर्जीवाड़ा सामने आया है। यह फर्जीवाड़ा थोड़ा बहुत नहीं बल्कि लाखों रुपये का किया गया है। अब टोल लेने वाली एजेंसी की मुसीबत बढ़ने वाली है। ऐसे में एजेंसी को अब नोटिस दिया जाएगा। फिलहाल की जांच में सामने आया कि एजेंसी की तरफ से 44 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है।
ऐसे में एजेंसी पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। आपको बता दे कि मेरठ-पौड़ी हाईवे पर बने टोल को लेकर एनएचएआइ और एजेंसी के बीच एक साल के लिए 10.96 करोड़ रुपये का अनुबंध हुआ था। जहां पर अनुबंध में केवल 100-100 रुपये के दो स्टांप पेपर पर प्रिंट करके नोटरी से करवा दिया, जबकि इसकी जगह पर 44 लाख रुपये का स्टांप ड्यूटी देनी थी।
मेरठ से पौड़ी तक मार्ग को चार हिस्सों में बांटकर यह कार्य किया जा रहा है। दो हिस्से पूर्ण हो गए हैं, उनपर टोल वसूली शुरू कर दी गई है। इनमें एक टोल प्लाजा मेरठ के पास गांव भैंसा में, जबकि दूसरा बिजनौर के भनेड़ा गांव में चल रहा है। एनएचएआइ ने इन टोल प्लाजा पर टोल वसूली के लिए सोनीपत (हरियाणा) की फर्म मैसर्स रेणु के साथ 24 अप्रैल 2025 को अनुबंध किया।
सुप्रीम कोर्ट ने रीवा टोलवे प्राइवेट लिमिटेड बनाम मध्य प्रदेश सरकार के मामले का निस्तारण करते हुए टोल अनुबंध को लीज विलेख (डीड) माना था। इसके बाद पूरे देश में टोल प्लाजा के अनुबंधों में स्टांप शुल्क की देयता की जांच की जा रही है। भैंसा टोल प्लाजा के अनुबंध की प्रति के लिए मेरठ के तत्कालीन डीएम दीपक मीणा ने भी एनएचएआइ के परियोजना निदेशक को नोटिस जारी किया था।
हाल ही में परियोजना निदेशक अमित प्रणव ने अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराई है। अनुबंध की जांच में सामने आया कि यह अनुबंध 10.96 करोड़ रुपये में हुआ है। इसपर चार प्रतिशत की दर से स्टांप शुल्क लगभग 44 लाख रुपये होगा। सहायक महानिरीक्षक निबंधन शर्मा नवीन कुमार एस ने बताया कि अनुबंध का अध्ययन करके स्टांप शुल्क की राशि की गणना की जा रही है। शीघ्र संबंधित एजेंसी को नोटिस भेजा जाएगा।