Mahesh Vilas Palace: UP के इस महल में बॉलीवुड से भोजपुरी फिल्मों तक की हुई है शूटिंग, ये है खास बात 
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Mahesh Vilas Palace: UP के इस महल में बॉलीवुड से भोजपुरी फिल्मों तक की हुई है शूटिंग, ये है खास बात 

 

Mahesh Vilas Palace : आप लोगों ने बॉलीवुड फिल्में तो जरूर देखी होगी. बॉलीवुड की बड़ी-बड़ी फिल्मों एक महल या हवेली देखी होगी. जिसमें पूरी फिल्म की शूटिंग  की जाती है.

आज हम आपको एक ऐसे ही महल के बारे में बताने जा रहे है जहां कई बड़ी फिल्मों की शूटिंग हुई है. हम बात कर रहे है महेश विलास पैलेस की. ये पैलेस उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के शिवगढ़ में स्थित है. ये पैलेस एक ऐतिहासिक और भव्य धरोहर है.

महेश विलास पैलेस राजस्थानी स्थापत्य शैली में बीकानेर के लालगढ़ किले की तर्ज पर निर्मित किया गया है. इस पैलेस में आपको खूबसूरत बनावट के साथ हरियाली भरे लॉन भी देखने को मिल जाएंगे.

फिल्मों और टीवी शो की शूटिंग के लिए बड़ी खास लोकेशन मानी जाती है.  महेश विलास पैलेस रायबरेली जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस पैलेस को आपको जरूर देखने जाना चाहिए.

इस राजमहल में आप अपने परिवार के साथ  इस ऐतिहासिक पर्यटन स्थल की खूबसूरती का आनंद उठा सकते है. महेश विलास पैलेस में हरा-भरा एक खूबसूरत लॉन इसकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है. ऐसे लॉन देखकर आप पहाड़ों की सुंदरता को भी भूल जाएंगे.

लॉन  के सामने खूबसूरत फव्वारा भी लगा है, जो चांदनी रात में बेहद खूबसूरत नजर आता है. आप परिवार के साथ बिना किसी शुल्क राजमहल की खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं.

बंगाल के गौरवंशी राजाओं के वंशज 19वीं शताब्दी में यहां आए थे और इस क्षेत्र में कई महलों व मंदिरों की स्थापना की. राजा महेश सिंह ने साल 1942 में शिवगढ़ में इस भव्य पैलेस का निर्माण किया.

60 बड़े खंभों पर टिका इस महल का विशाल बरामदा बेहद प्रसिद्ध है. इस पैलेस में इटली से मंगवाए गए  संगमरमर पत्थर  का इस्तेमाल किया गया है. इस राजमहल में बॉलीवुड और भोजपुरी फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है.

ये उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा राजमहल है जहां दो दर्जन से अधिक बॉलीवुड, भोजपुरी फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग हो चुकी है. यहां अजय देवगन की मशहूर फिल्म रेड,  बुलेट राजा, गांधीगिरी, भोजपुरी फिल्म गदर, भोजपुरी जबरिया जोड़ी कलाइयां,  की शूटिंग हो चुकी है.

महेश विलास पैलेस पुरातन काल और प्राचीन संस्कृति का बेजोड़ नमूना है. इस महल को 19वीं सदी में बंगाल के गौरवंशी राजाओं के वंशजों निर्माण कराया था.