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Kanwar Yatra Niyam 2025: कांवड़ यात्रा करते समय इन नियमों का जरूर करें पालन, वरना नाराज होंगे जाएंगे भोलेनाथ

 

Kanwar Yatra Niyam 2025 : देशभर में सावन की तैयारियां शुरू हो चुकी है. ज्यादातर युवा अब हरिद्वार से गंगाजल भरकर लाएंगे. बहुत से लोग पूरे सावन के महीने व्रत और पूजापाठ करते है. सावन माह को श्रावण मास भी कहते हैं.

बच्चों से लेकर सभी युवा कांवड लेकर आते है और शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं. कांवड़ यात्रा करते समय कुछ बातों और नियमों का पालन करना चाहिए. 

कांवड़ यात्रा के नियम

1. कांवड़ यात्रा शुरू करने से पहले  मन,वचन और कर्म को शुद्ध रखें.

2. कांवड़ यात्रा के लिए स्वयं को पवित्र रखना बहुत जरूरी है. कांवडिए को शारीरिक और मानसिक दोनों से ही पवित्र होना चाहिए. 

3. किसी स्थान पर पेशाब या शौच के लिए रुकते हैं तो कांवड़ को भूलकर भी जमीन पर न रखें. आप अपनी कांवड को किसी पेड़ या लोहे के बने स्टैंड पर रख सकते है. इसके लिए आप स्टैंड अपने घर से ला सकते है.  

4. कांवड़ यात्रा छोटे से बोतल में गंगाजल साथ में अवश्य रखें. जिससे लघुशंका के बाद गंगाजल से स्वयं को पवित्र करके कांवड को उठाएं. 

5. कांवड़ यात्रा  में प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा, बीड़ी, सिरेगट आदि का सेवन नहीं करना चाहिए.

6. कांवड यात्रा के समय किसी भी तरह का नशा न करें. 

7. कांवड़ यात्रा करते समय अपने मन में लोगों के खिलाफ गलत भावना नहीं लानी चाहिए. कांवड यात्रा करते समय दूसरों की मदद जरूर करें.  

8. कांवड़ यात्रा भगवान शिव के नाम का भजन करना चाहिए. उनके नाम का जाप करें. 

9. कांवड़ यात्रा के समय आप किसी भी जीव को कोई कष्ट न दें, प्रताड़ित न करें.

10. कांवड़ यात्रा के समय में साफ वस्त्र पहनें. एक दिन की यात्रा के बाद जब आगे की यात्रा प्रारंभ करें तो स्नान आदि से निवृत होकर साफ कपड़े पहनें.