Jagannath Rath Yatra 2025: आज से शुरू होगी विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा, सोने की झाडू से होगी सफाई
Jagannath Rath Yatra 2025 : विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा देशभर मशहूर है. विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु आते है. ये मंदिर ओडिशा के परी में स्थित है. भगवान जगन्नाथ स्वयं भक्तों के बीच आते है.
भगवान जगन्नाथ 3 भव्य और विशाल रथों में भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ बैठकर मौसी गुंडीचा के घर जात है. जगन्नाथ मंदिर से गुंडीचा मंदिर की रथ यात्रा 9 दिन की होती है. जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून यान आज से सुबह 6 बजे से ही रथ यात्रा की रस्में शुरू हो गईं हैं.
ये रथ यात्रा पूरे दिन चलेंगी और फिर शाम 4 बजे से भक्त भगवान के रथ खींचना शुरू करेंगे. बता दें कि आज सुबह 6 बजे मंगला आरती की गई. इसके बाद सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, भगवान को भोग लगाए गए.
रथ प्रतिष्ठा करने के बाद तीनों देवी-देवता को भव्य रथों में विराजमान किया गया. राजा गजपति सोने की झाड़ू से रास्ते की सफाई करेंगे. सोने की झाड़ू से भगवान के रथ के लिए रास्ता साफ करने की इस रस्म को 'छेरा पन्हारा' कहा जाता है.
आज शाम 4 बजे से रथतना यानी रथ खींचने की रस्म शुरू हो जाएगी. भक्त भगवान जगन्नाथ के रथ 'नंदीघोष', भगवान बलभद्र के रथ 'तालध्वज' और देवी सुभद्रा के रथ 'देवदलन' को खींचना शुरू करेंगे.
रथ यात्रा शुरू होने के बाद भक्त सालबेग की मजार के सामने थोड़ी देर रूकेगी. इसके बाद भगवान जगन्नाथ गुंडीचा मंदिर पहुंचेंगे और 7 दिन तक वहीं विश्राम करेंगे. भगवान जगन्नाथ अपने भाई-बहन के साथ अपनी मौसी के यहां आराम करेंगे और 56 भोग लगाएं जाएंगे.
एक रसम अनुसार ज्यादा खाना खाने से भगवान बीमार होंगे फिर उनको औषधियां दी जाएंगी. भगवान हां र 7 दिन तक आराम करेंगे और फिर वापिस जगन्नाथ मंदिर जाएंगे. ये रथ यात्रा 5 जुलाई को खत्म होगी.